सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। भारत सरकार ने अब सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है। अब से थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालयों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। जिसके बाद यह फैसला लिया गया। हालांकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसमें शामिल नहीं हो सके। क्योंकि आज सुबह ही उन्हें पोस्ट कोविड दिक्कतों की वजह से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां उनका इलाज चल रहा है।
छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, “भारत सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कैंसिल करने का फैसला लिया है। व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने छात्रों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। युवा इस देश के भविष्य हैं और उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।“ आज की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री. सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा महिला और बाल विकास मंत्री मौजूद थे।
विपक्ष ने स्वागत किया
इसके अलावा प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव, कैबिनेट सेक्रेटरी और स्कूली शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग के सचिव मौजूद थे। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार को एक पत्र के जरिए 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। केंद्र के इस फैसले पर उन्होंने भी संतुष्टि जताई है।
सीबीएसई तय करे परिणाम
बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सीबीएसई जरूरी कदम उठाते हुए 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का परिणाम निर्धारित समय सीमा में तय करेगी। इसके लिए उपयुक्त मानकों का पालन किया जाएगा। पिछले साल की तरह अगर कोई परीक्षार्थी परीक्षाएं देने के लिए अनुरोध करता है, तो उसे सीबीएसई परीक्षा में बैठने की अनुमति देगी। हालांकि यह परीक्षाएं हालात सामान्य होने के बाद ही आयोजित कराए जाएंगी।
पहले भी कर चुके हैं बैठक
बताते चलें कि इससे पहले 21 मई को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और अफसर शामिल थे। इसके बाद 23 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ एक अहम बैठक की थी। आज के फैसले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी सुझाव लिए गए थे।