आरटीआई से खुलासा : दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों पर 7 अरब से ज्यादा जुर्माना लगाया, इस अफसर के खाते में जमा किया गया यह पैसा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



दिल्ली की यातायात पुलिस ने पिछले 10 वर्षों में जुर्माने के माध्यम से 702 करोड़, यानि सात अरब से ज्यादा रुपये कमाए हैं। यह धनराशि इसी अवधि के दौरान यातायात पुलिस पर हुए कुल खर्च का करीब 20 प्रतिशत है। देश की अग्रणी समाचार पत्रिका इण्डिया टुडे की ओर से दायर एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में यह जानकारी दी गई है। यह सूचना सार्वजनिक होने के बाद लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं।

इतना खर्च और इतना जुर्माना
इस आरटीआई के मुताबिक दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का सालाना खर्च 306 करोड़ रुपये से लेकर 525 करोड़ रुपये तक आता है। वर्ष 2019-20 में कुल खर्च 526.77 करोड़ रुपये था। जो अब तक का सबसे अधिक है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जन सूचना अधिकारी मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2015 से पहले के खर्च के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया है। साल 2018-19 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 121.5 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला था। जो किसी भी साल में अब तक का सबसे ज्यादा जुर्माना है। इससे एक साल पहले यानि वित्त वर्ष 2017-18 में जुर्माना वसूली 102.2 करोड़ रुपये थी।

पुलिस वालों को पैसा नहीं मिलता
दिल्ली यातायात पुलिस की जुर्माना वसूली और कुल खर्च का पांच साल का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि पुलिस अपने खर्च का लगभग 20 प्रतिशत पैसा जुर्माना वसूलकर कमाती है। वर्ष 2018-19 में यातायात पुलिस ने अपने वेतन का लगभग 28 प्रतिशत (जो एक चौथाई से अधिक है) जुर्माने के माध्यम से हासिल किया। आरटीआई में सवाल पूछा गया कि अगर ट्रैफिक पुलिस अधिकारी जुर्माना लगाता है और इकट्ठा करता है तो उसे कोई मौद्रिक प्रोत्साहन दिया जाता है? आरटीआई के जवाब में कहा गया है, "यातायात पुलिस सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से एकत्र किए गए जुर्माने के लिए कोई मौद्रिक प्रोत्साहन नहीं किसी कर्मचारी या अधिकारी को नहीं देती है।"

इस खाते में जाता है पैसा
इस आरटीआई एक और सवाल था। यह पैसा कहाँ जाता है? क्या यह केंद्र सरकार या राज्य सरकार के पास जाता है? दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इसके जवाब में कहा, "दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सभी उल्लंघन जुर्माना या चालान का पैसा अंततः दिल्ली परिवहन आयुक्त के खाता संख्या-10577570616 में जमा किया जाता है। यह खाता पुराने सचिवालय में एसबीआई बैंक में है। इसलिए कृपया उनसे पूछें कि जुर्माना का कितना-कितना प्रतिशत राज्य और केंद्र सरकार को आवंटित किया गया है।"

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