Delhi NCR : राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। लंबे समय से द्वारका एक्सप्रेसवे का इंतजार कर रहे एनसीआर वालों को अब एक हाईटेक एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) मिलने जा रहा है। 11 मार्च यानी की आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मुख्य हिस्से का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे को 9 हजार करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। इस दौरान पीएम मिलेनियम सिटी में पहली बार 18.9 किलोमीटर लंबा रोड शो भी करेंगे। इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम वालों को आवगमन में बेहतर सुविधा मिलेगी।
इन जगहों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली बॉर्डर से शुरू होकर गुरुग्राम हिस्से तक जाएगा। मिलेनियम सिटी में ऐसा पहली बार होगा, जब प्रधानमंत्री रोड शो करेंगे। कुछ दिनों पहले से ही इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और गुरुग्राम पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 16 फरवरी को रेवाड़ी में एम्स और गुरुग्राम में मेट्रो विस्तार परियोजना का शिलान्यास किया था। पीएम के दौरे से पहले उपायुक्त निशांत कुमार यादव और पुलिस आयुक्त विकास आरोड़ा ने द्वारका एक्सप्रेसवे का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। इस मुद्दे पर राव इंद्रजीत ने कहा कि एक्सप्रेसवे का शुभारंभ होने से गुरुग्राम और दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इन जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम हिस्से के शुरू होने के बाद द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, एसपीआर और दिल्ली- यपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएगा। इससे सेक्टर-81 से सेक्टर-115 तक के निवासियों को गुरुग्राम-मुंबई एक्सप्रेसवे या फरीदाबाद जाने में सुविधा हो जाएगी। एक्सप्रेसवे के शुरू होने से मिलेगा जाम से छुटकारा
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से वाहन चालकों को दिल्ली-गुरुगुग्राम बॉर्डर पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे का प्रतिदिन तीन से चार लाख वाहन इस्तेमाल करेंगे। आपको बता दें कि आठ लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे का बाईपास होगा। जो दिल्ली में शिव मूर्ति चौक से शुरू होकर खेड़की दौला टोल प्लाजा पर जयपुर हाईवे से मिलेगा। एफिल टावर और बुर्ज खलीफा से भी अधिक स्टील-कंक्रीट का इस्तेमाल
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ, जोकि एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है। इसी तरह इसके निर्माण में 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है, जोकि बुर्ज खलीफा की तुलना में 6 गुना अधिक है। साथ ही इसके निर्माण के दौरान 12 हजार वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया गया, जोकि भारत में इतने बड़े स्तर पर पहली बार हुआ है। इस एक्सप्रेसवे पर यातायात की सुगमता और सफर करने वालों की सुरक्षा के लिए आईटीएस, एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, टोल मैनेजमेंट सिस्टम और सीसी मिलेगी।