New Delhi : चाहे कुछ भी हो, लेकिन इंसानियत अभी जिंदा है। इसका जीता-जागता सबूत हम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं। भुवनेश्वर ट्रेन हादसे में अभी तक करीब 240 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 500 से भी ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि इन लोगों के लिए ब्लड की आवश्यकता काफी ज्यादा है। जिस समय हादसा हुआ, उसके कुछ घंटे बाद मौके पर भारी भीड़ खड़ी हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उड़ीसा के युवाओं की तारीफ की है। इसके अलावा पीएम मोदी ने इस हादसे में शोक व्यक्त किया है।
अभी तक 1,100 से भी ज्यादा युवाओं से दिया ब्लड
इस भीड़ में वह लोग शामिल थे, जिनका इस हादसे से कोई मतलब नहीं है। इस हादसे में ना कोई उनका रिश्तेदार है और ना ही कोई उनका जानने वाला है। उसके बावजूद भी यह भीड़ खड़ी थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस भीड़ ने अभी तक 1,100 से भी ज्यादा यूनिट ब्लड डोनेट किया है। इसके अलावा करीब 2,500 से भी ज्यादा युवाओं ने ब्लड डोनेट करने के लिए अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया है।
पूरी रात ब्लड डोनेट करने वालों की लाइन लगी रही
सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल के माध्यम से हादसे की खबर सुनने के बाद काफी युवा मौके पर पहुंचे। उन्होंने अलग से ब्लड डोनेट की लाइन बनाई और अपना खून देना शुरू कर दिया। काफी तेजी के साथ खून देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। पूरी रात लोग ब्लड डोनेट करने के लिए लाइन में खड़े रहे। यही बात बताती है कि इंसानियत अभी जिंदा है।
कैसे और कब हुआ हादसा
रेल पटरी पर तेज रफ्तार से दौड़ती कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस, बालासोर स्टेशन के करीब बहनागा बाजार स्टेशन के पास हादसे का शिकार हो गई। बताया जा रहा है बहानगा बाजार स्टेशन के पास आउटर पर मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बहानगा बाजार स्टेशन से करीब 300 मीटर पहले पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतरने के बाद आउटर पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया। ट्रेन की सबसे पीछे की बोगी तीसरे ट्रैक पर जा गिरी। इसी बीच तीसरे ट्रैक पर यशवंतपुर एक्सप्रेस आ गई। यशवंतपुर एक्सप्रेस तीसरे ट्रैक पर पड़े दुर्घटनाग्रस्त कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे से जा टकराई। तीन ट्रेनों की इस टक्कर में अभी तक करीब 280 लोगों की मौत और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं।