ग्राम विकास अधिकारी के पद पर भर्ती कराने के नाम पर 10 लाख रुपए की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। चकबंदी लेखपाल ने षड्यंत्र के तहत पिता, दो रिश्तेदारों और दोस्त के साथ मिलकर चकबंदी लेखपाल दोस्त की बहन के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया। इस संबंध में उक्त आरोपियों के खिलाफ कविनगर थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
पुलिस लाइन में सुनीता परिवार के साथ रहती हैं। उनका भाई राजकुमार सिंह चकबंदी लेखपाल के पद पर हापुड़ में कार्यरत है, जबकि भाई का दोस्त तेजस्वी चौधरी भी चकबंदी लेखपाल है और वह वर्तमान में मुजफ्फरनगर में तैनात है। सुनीता ने बताया कि वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ग्राम विकास अधिकारी की लगभग 15 सौ भर्तियां निकाली गई थी। तभी उनके घर परिचित होने के नाते भाई का दोस्त चकबंदी लेखपाल तेजस्वी चौधरी अपने पिता सत्यवीर सिंह और दो रिश्तेदारों सोनू और हर्ष के साथ पहुंचा और कहा कि उसकी लखनऊ में बैठे अधिकारियों से अच्छी पकड़ है और वह जो ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकली है। उनमें नौकरी लगवा सकता है।
सुनीता ने बताया कि इस पर मैंने तेजस्वी चौधरी से बेटी दिव्या तालान, भाई ललित कुमार और ललित के साले की नौकरी लगवाने की बात की। इस पर कहा गया कि कम से कम 10 लोग भर्ती के लिए चाहिए और हर आदमी के 15 लाख रुपए लगेंगे। इस पर घर में मौजूद मेरे परिचितों अर्जुन, अरविंद और वारिस अली ने यह बात सुन ली और उन्होंने भी नौकरी लगवाने के लिए कहा। बताया गया है कि इस पर सभी से दो दो लाख रुपए एडवांस मांगे गए। जिस पर सभी ने पांच लाख रुपए दे दिए, जबकि पांच लाख रुपए बाद में दिए। इसके बाद उक्त लोगों द्वारा सभी के दस्तावेज आदि ले लिए गए। सुनीता ने बताया कि बाद में पता चला कि किसी का भी नौकरी में नंबर नहीं आया है। जिस पर उन्होंने पूरे मामले से अपने भाई राजकुमार को अवगत कराया।
ठगी का शिकार हुई सुनीता ने बताया कि उनके भाई राजकुमार ने मामले में जब दोस्त तेजस्वी चौधरी से बातचीत की तो उसने रकम लौटाने के लिए उन्हें अपने ग्राम कन्यान थाना कांधला जिला शामली बुलाया। जिस पर भाई दोस्त के साथ वहां पहुंचे तो तेजस्वी चौधरी ने पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों विक्रांत के साथ मिलकर उन्हें बंधक बना लिया तथा द्वारा रकम मांगने पर जान से मारने की धमकी दी और जेब में रखी साढ़े सात हजार रुपए की नगदी लूट ली। इसके बाद मात्र 500 देकर उन्हें वहां से भगा दिया।
पीडि़ता ने बताया कि जब भाई राजकुमार सिंह रकम लेने के लिए तेजस्वी चौधरी के गांव गए तो वहां विक्रांत ने स्वयं को कुख्यात बदमाश सुनील मूंछ का आदमी बताया और रकम मांगने पर बुरा अंजाम बहुत लेने की धमकी दी। सुनीता ने बताया कि उनके पति का नाम भी राजकुमार है और वह पुलिसकर्मी है। वर्तमान में उनकी तैनाती हापुड़ में एसएससी कार्यालय में चल रही है।
उन्होंने बताया कि भाई का दोस्त होने के चलते उन्हें ऐसा कुछ पता ही नहीं था कि तेजस्वी चौधरी उनके साथ फ्रॉड कर सकता है। आरोप है कि ठगी की शिकायत जब कविनगर पुलिस से की गई तो उसने कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद आलाधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं निकला। बाद में इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक लखनऊ से की गई। उनके आदेश के बाद कहीं जाकर अब पुलिस ने उक्त लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।