30 साल बाद : गाजियाबाद पुलिस फिर खोलेगी राजू अपहरण केस, कोर्ट में दर्खास्त देकर मांगी इजाजत

Tricity Today | शहीद नगर में परिवार के साथ राजू (फाइल फोटो)



Ghaziabad News : साहिबाबाद थानाक्षेत्र के शहीद नगर से 1993 में हुए राजू के अपहरण कांड पर पुलिस दुबारा काम करना चाहती है ताकि राजू के गुनाहगार सलाखों के पीछे भेजे जा सकें। एसीपी साहिबाबाद रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले को रीओपन करने की इजाजत मांगी गई है ताकिगुनाहगारों को सजा दिलाई जा सके। उन्होंने बताया कि जब पुलिस को काफी समय तक राजू के बारे में कुछ पता नहीं चल सका तो पुलिस ने मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) दाखिल कर कोर्ट में केस बंद करने की अर्जी दे दी थी, अब राजू लौट आया है तो पुलिस यह प्रयास करेगी कि उसके गुनाहगारों को सजा मिले।

पुराने दस्तावेज न होने से आएगी परेशानी
कोर्ट से दुबारा केस खोलने की इजाजत मिलने के बाद साहिबाबाद थाना पुलिस को 1993 के दस्तावेज खंगालने होंगे, इतने पुराने दस्तावेज खंगालना मुश्किल इसलिए है क्योंकि पुलिस कोई मामला बंद होने के बाद 12 साल बाद संबंधित दस्तावेज नष्ट कर देती है। ऐसे में पुलिस को पुराने दस्तावेज खंगालने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन पुलिस का प्रयास है कि राजू को इतने दिनों तक परिवार से दूर रखने और प्रताड़ित करने वालों को सजा तो मिलनी ही चाहिए। इसी मंशा के साथ पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की पहल की है।

क्या है पूरा मामला
1993 में राजू का शहीद नगर से उस समय अपहरण हो गया था जब वह अपनी बहन के साथ स्कूल से लौट रहा था। उस समय राजू की उम्र मात्र सात वर्ष थी। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक राजू को अगवाकर राजस्थान में जैसलमेर ले जाया गया, जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया और भेड़ बकरियां चरवाई गईं। इस दौरान उसे खाने के लिए रोजाना केवल एक रोटी दी जाती थी और उस मारा - पीटा भी जाता था। राजू दिल्ली के एक व्यपारी की मदद से जैसलमेर से दिल्ली आया और किसी तरह भटकता हुआ 22 नवंबर को खोड़ा थाने में पहुंचा था। पुलिस ने की मदद से वह तीन दिन पूर्व शहीद नगर अपने परिवार में पहुंचा है।

अन्य खबरें