रैपिड के बाद आर्बिटल रेल पर दौड़ेगा एनसीआर : एक घंटे से भी कम समय में पहुंच सकेंगे बागपत से जेवर एयरपोर्ट

Tricity Today | Symbolic image



Ghaziabad News : दिल्ली-एनसीआर में आने वाला समय हवा से बात करने का होगा। साहिबाबाद और मेरठ के बीच दौड़ रही रैपिड रेल उस आने वाले कल का ट्रेलर है। रैपिड रेल से जल्द ही हापुड़ और बुलंदशहर तो जुड़ेंगे ही दिल्ली एनसीआर के दूसरे शहर भी कनेक्ट होंगे, लेकिन दिल्ली- एनसीआर में हवा से बातें करने का सपना पूरी तरह साकार करने का काम करेगा EORC यानि ईस्टर्न आ‌र्बिटल रेल कॉरिडोर।

पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ बनेगा EORC
ईस्टर्न आ‌र्बिटल रेल कॉरिडोर दिल्ली के चारो और पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ- साथ तैयार होगा। इसकी कुल लंबाई 135 किमी होगी। 90 किमी उत्तर प्रदेश में और 45 किमी हरियाणा में। पलवल से सोनीपत को जोड़ने वाला यह कॉरिडोर पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के तरह गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और बागपत जनपर को जोड़ेगा। इससे जेवर एयरपोर्ट को सीधे गाजियाबाद और बागपत से कनेक्टिविटी मिल जाएगी।

छह माह में तैयार होगी फिजीबिलिटी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टेट की ओर से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) को ईस्टर्न आर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। यानि यूपी के हिस्से में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की योजना पर काम देखेगा। फिलहालन GDA छ‌ह माह में प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराएगा। फिजीबिलिटी रिपोर्ट पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होंगे। रिपोर्ट हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन (HRIDC) को भेजी जाएगी। जीडीए अधिकारियों के मुताबिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट के लिए 10 लाख रुपयें का भुगतान कर दिया गया है।

प्रदूषण से भी राहत देगा प्रोजेक्ट
आर्बिटल रेल कॉरिडोर से कम समय में यात्रा का सपना तो पूरा करेगा ही, प्रदूषण से दिल्ली एनसीआर को राहत भी दिलाएगा। GDA अधिकारियों का कहना है कि कॉरिडोर के बनते ही यूपी के गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत समेत कई अन्य जिलों को भी जाम और प्रदूषण के कम होने से राहत मिल सकेगी। यूपी में 90 किमी के इस कॉरिडोर से जेवर एयरपोर्ट, दादरी, न्यू बोडाकी डीएफसी, डीएनजीआईआर, ग्रेटर नोएडा फेस-2, गाजियाबाद और बागपत जनपद सीधे जुड़ जाएंगे। बागपत से जेवर एयरपोर्ट पहुंचने में एक घंटे से भी कम समय लगेगा।

14 ‌हजार करोड़ का है प्रोजेक्ट
ईस्टर्न आर्बिटल रेल कॉरिडोर पर कुल 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। 11 हजार करोड़ की निर्माण लागत मानी जा रही है और तीन हजार करोड़ रुपये का खर्च जमीन अधिग्रहण के लिए होगा। हालांकि काफी हद तक जमीन की जरूरत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे ही पूरी कर देगा। इस कॉरिडोर में दौड़ने वाली पैसेंजर ट्रेन की स्पीड भी 160 किमी प्रति घंटा होगा। यानि नमो भारत ट्रेन की ही तरह आ‌र्बिटल ट्रेन भी हवा से बातें कराएगी।

अन्य खबरें