गाजियाबाद पुलिस की बड़ी कामयाबी : अंतर्राज्यीय तस्कर दबोचा, कब्जे से बरामद की 55 लाख की अफीम, इस इलाके में करनी थी सप्लाई

Tricity Today | पुलिस हिरासत में तस्कर, मामले की जानकारी देते एडीसीपी सच्चिदानंद



Ghaziabad News : गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच की टीम ने शालीमार गार्डन थाना पुलिस के साथ मिलकर एक अंतर्राज्यीय अफीम तस्कर को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त के कब्जे से पुलिस ने दो किलो अफीम बरामद की है। बरामद अफीम की कीमत करीब 55 लाख रुपये है। वह झारखंड से अफीम लेकर चला था और दिल्ली के न्यू सीमापुरी इलाके की बंगाली बस्ती में सप्लाई करनी थी। उससे पहले ही टीम ने जाल बिछाकर तस्कर को वजीराबाद रोड पर दबोच लिया।

बीए पास है 25 साल का मनीष
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि अफीम तस्कर ने पूछताछ के दौरान अपना नाम मनीष यादव बताया है। वह बिहार के चतरा जिले का रहने वाला है। 25 साल का मनीष बीए पास है। वह एक साल से अफीम तस्करी का काम कर रहा था। मनीष ने पुलिस को बताया कि झारखंड से अफीम लाकर दिल्ली- एनसीआर के अलावा ह‌रियाणा और पंजाब में सप्लाई करता था। पूरी सप्लाई बुकिंग के आधार पर होती थी। मनीष ने पुलिस को बताया कि इस बार वह दिल्ली के न्यू सीमापुरी इलाके की बंगाली बस्ती में सप्लाई करने के ल‌िए पहुंचा था।

एक साल से कर रहा था तस्करी
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि युवक पिछले करीब एक साल से झारखंड से लगातार दिल्ली- एनसीआर इलाके में अफीम सप्लाई कर रहा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी झारखंड से ट्रेन या बस में अफीम लाता और पहले से तय स्थानों पर सप्लाई करता था। बीच में यह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था।

पहले सप्लायर बना, फिर तस्कर
पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि पहले वह ड्राइवरी का काम करता था, लेकिन उसमें ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे और उसका परिवार आर्थिक तंगी से परेशान रहता था। मनीष यादव की मुलाकात उसके बगल वाले गांव के रहने वाले सकलदेव यादव से हुई। सकलदेव ने मनीष को अफीम सप्लाई का जिम्मा सौंपा। वह एक चक्कर पर 20 हजार रुपए मनीष को दिया करता था, लेकिन कुछ दिन बाद ही मनीष ने खुद तस्करी का काम शुरू कर दिया था।

यूपी के इन जिलों में कर चुका है सप्लाई
मनीष यादव ने पुलिस को बताया कि अफीम की सबसे ज्यादा डिमांड दिल्ली- एनसीआर में होती है। हालांकि बीच- बीच में वह पंजाब और हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं और मुरादाबाद में भी अफीम की सप्लाई कर रहा था। मनीष की खास बात यह थी कि जब यह झारखंड से चलता था तो उसके बाद जब तक वो अफीम सप्लाई न कर दे किसी से बात नहीं करता था।

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