Google Image | योगी आदित्यनाथ ने कैलाश मानसरोवर भवन का उद्घाटन किया
Ghaziabab: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरापुरम के शाक्तिखंड-4 में स्थित अपने ड्रीम प्रोजेक्ट कैलाश मानसरोवर भवन का उद्घाटन किया। सीएम तय कार्यक्रम से करीब ढाई घण्टा लेट पहुंचे। सीएम अपने काफिले के साथ मुरादाबाद से मानसरोवर भवन आए। उन्होंने इस भवन सहित 731 करोड़ रुपये की 31 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है। जिसमें मधुबन बापूधाम में बनने जा रहे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नए ऑफिस का शिलान्यास भी शामिल है।
मुख्यमंत्री शाम करीब साढ़े 7 बजे मानसरोवर भवन पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले कैलाश मानसरोवर भवन और अन्य विकास योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। कैलाश मानसरोवार भवन को आने वाले मार्गों पर खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को ठीक कर दिया गया था। सड़क के डिवाइडर पर फूलदार गमले रख दिए गए। साफ-सफाई करके सड़कों को चमका दिया गया। भवन के पास खाली स्थान पर कुछ मिट्टी और अन्य निर्माण सामग्री पड़ी हुई थी। सामग्री हटाकर उसे समतल कर दिया गया। कैलाश मानसरोवर भवन के आगे कच्चा फुटपाथ था। इस फुटपाथ पर शुक्रवार को टाइल्स लगाई गईं। देशी और विदेशी फूलों से भवन को सजाया गया। भवन को रंगीन लाइटों से भी सजाया गया है। रात में भवन जगमग हो गया। फाइव स्टार होटल की सुविधाओं वाले भवन में यात्रियों को रहने के साथ योग और ध्यान लगाने जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। सिर्फ कैलास मानसरोवर ही नहीं बल्कि चार धाम और लेह लद्दाख की यात्रा पर जाने वाले लोग भी इसका लाभ ले सकेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को तैयार करने में 62.34 करोड़ की लागत आई है। खास बात है कि यह कुछ उन चुनिंदा प्रोजेक्ट में शामिल है, जो तय लागत से कम में बनकर तैयार हुए हैं। इंदिरापुरम के शक्तिखंड-4 में स्थित कैलाश मानसरोवर भवन का क्षेत्रफल 9 हजार वर्ग मीटर है। इसमें 100 कमरे बनाए गए हैं। जिनमें 280 लोगों के एकसाथ ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 188 कारों के पार्किंग की सुविधा यहां मौजूद है। जीडीए ने इसके लिए उत्तर प्रदेश लोकनिर्माण विभाग को जमीन दी थी। वर्ष 2017 में सीएम योगी ने इसकी नींव रखी और 2018 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। इसका निर्माण मार्च 2020 तक हो जाना था, लेकिन पहले एनजीटी की निर्माण पर पाबंदी और फिर लॉकडाउन के चलते प्रोजेक्ट 8 महीने लेट हो गया।
आखिरकार शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे जनता को समर्पित कर ही दिया। कार्यक्रम में सीएम ने 731 करोड़ की योजनाओं की सौगता भी जनपद वासियों की दी हैं। इस दौरान 13 प्रोजेक्ट का लोकार्पण और बाकी 18 का शिलान्यास किया गया है। लोकार्पण में मोदीनगर में आश्रय स्थल, गौसंरक्षण केन्द्र व राजकीय नलकूप, मुरादनगर में राजकीय नलकूप, क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान का दफ्तर, डासना में सामुदायिक केन्द्र, कैलाश मानसरोवर भवन, मधुबन बापूधाम में बिजलीघर, धर्मवीर कॉलोनी, उस्मानगढी, डासना व नहाली में पेयजल योजना, डूंडाहेडा ट्रंक सीवर की सफाई व पुनरोद्धार का काम शामिल था।
इनके अलावा गौ सरंक्षण केन्द्र, मल्टीपर्पज हाल, पशु शेल्टर होम, लोनी में वेंडिंग जोन, मोरटा में 220 केवी के उपकेन्द्र, मधुबन बापूधाम आरओबी, जीडीए के नए दफ्तर, प्रताप विहार में पीएम आवासीय योजना, डासना व इंद्रगढी में आरसीसी नाला, लोनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का निर्माण शामिल था। इसके अलावा वीवी पैट मशीन भंडारण गोदाम, सीसी व इंटरलॉकिंग के काम का भी शिलान्यास किया गया।
कांग्रेसियों को घरों में नजरबंद किया गया
सीएम के कार्यक्रम के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेसी नेताओं को उनके आवास व दफ्तर पर ही नजरबंद कर दिया। पार्षद जाकिर सैफी के अलावा भारतीय कांग्रेस के सदस्य नरेंद्र राठी, केएन पाण्डेय, पूर्व पार्षद जीतेंद्र टांक, महेश सैनी, अश्वनी त्यागी, पवन त्यागी,विनीत चौधरी, खलील सलमानी को नरेंद्र राठी के साहिबाबाद स्थित कार्यालय में ही पुलिस नजरबंद कर दिया। हालांकि, महानगर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मोहन नगर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। महानगर अध्यक्ष अल्पसंख्यक कांग्रेस एहसान अली के नेतृत्व में मोहन नगर चौराहे पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया गया।