वेव सिटी डबल मर्डर : 5 सालों से चल रही थी रंजिश, सुलगती आग बुझाने ग्रेटर नोएडा के दोनों दोस्त पहुंचे थे गाजियाबाद

Google Photo | जांच करते हुए पुलिस अफसर



Ghaziabad News : बीते दिनों ग्रेटर नोएडा के दो युवकों की गाजियाबाद में ताबड़तोड़ गोली मार के हत्या कर दी गई। इस मामले में गाजियाबाद और नोएडा पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को कुछ अहम जानकारी हाथ लगी है। इस मामले में विनोद नागर और अनिल नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह दोनों बिल्लू दुजाना के चचेरे भाई लगते हैं। बिल्लू दुजाना काफी शातिर बदमाश है। यह पहले भी जेल जा चुका है और कुछ समय पहले ही जमानत पर बाहर आया है।

2017 से शुरू हुई रंजिश
पुलिस की जांच में पता चला कि वर्ष 2017 में गाजियाबाद में अरुण नागर की हत्या कर दी गई थी। अरुण नागर का भाई बिल्लू दुजाना अपने भाई की हत्या का बदला लेने की फिराक में था। अरुण नागर की हत्या के मामले में काफी आरोपी जेल भी गए थे, लेकिन बिल्लू नागर को शक था कि जितेंद्र ने उसके भाई की हत्या की है। अपने भाई अरुण नागर की हत्या के कुछ समय बाद ही बिल्लू नागर एक व्यापारी से रंगदारी मांगने और रंगदारी नहीं देने के मामले में जेल चला गया था। अब कुछ समय पहले ही बिल्लू जेल से रिहा होकर आया है। 

बिल्लू को जितेंद्र पर था शक
पुलिस जांच में पता चला है कि जेल से बाहर आते ही बिल्लू ने जितेंद्र की हत्या करने की योजना बनाई। बिल्लू के चेहरे भाई विनोद नागर और अनिल नागर ने कॉल करके जितेंद्र को बुलाया था। इस बात की जानकारी जितेंद्र ने अपनी पत्नी प्रीति को बताया था। जितेंद्र ने बुधवार की देर शाम करीब 4:30 बजे अपनी पत्नी को बताया कि वह छपरौला में अनिल नागर और विनोद नागर के दफ्तर में मिलने जा रहा है। उसके साथ उसका दोस्त हरेंद्र भी है। जितेंद्र ने अपनी पत्नी प्रीति को बताया था कि, अनिल नागर और विनोद नागर के अलावा वहां पर बिल्लू दुजाना भी है। वह इनसे मिलने जा रहा है।

पत्नी को सच बता कर घर से निकला था जितेंद्र
बुधवार की देर शाम 4:30 बजे के बाद जितेंद्र और प्रीति की 6:00 बजे फिर से फोन पर बातचीत हुई। इस बार जितेंद्र ने बताया कि वह अपने दोस्त जनता के साथ विनोद नागर और अनिल नागर मिलने आया है। मौके पर बिल्लू भी है। उसके बाद प्रीति ने अपने पति को करीब 8:00 बजे के बाद कॉल किया, लेकिन जितेंद्र ने फोन रिसीव नहीं किया। उसके बाद करीब 10:30 बजे जब दोबारा से प्रीति ने कॉल किया तो गाजियाबाद पुलिस टीम ने फोन उठाया और घटना की जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद प्रीति के पांव तले जमीन खिसक गई। वह देर रात को अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अस्पताल पहुंची। रात करीब 11:30 बजे हरेंद्र और जितेंद्र के मरने की सूचना प्राप्त हुई।

हरेंद्र बना दोस्ती का शिकार
पुलिस जांच में पता चला है कि हरेंद्र और जितेंद्र दोनों दोस्त हैं। जितेंद्र और बिल्लू काफी समय से दोस्त थे, लेकिन हरेंद्र और बिल्लू एक दूसरे से परिचित नहीं थे। फरेंदा के भाई ने बताया कि वह गृह मंत्रालय में लिपिक के पद पर तैनात था। बुधवार की देर रात को वह अपने एक रिश्तेदार के यहां जाने की बात कहकर घर से निकला था। अभी तक हरेंद्र और बिल्लू के बीच कोई रंजिश के सामने बात नहीं आई है। आशंका जताई जा रही है कि हरेंद्र अपने दोस्त जितेंद्र के चक्कर में इस वारदात का शिकार बन गया। फिलहाल इस मामले में विनोद नागर और अनिल नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों की तलाश की जा रही है।

बुधवार को मिली थी दोनों की लाश
आपको बता दें कि बुधवार की देर रात को ग्रेटर नोएडा में स्थित गिरधरपुर गांव निवासी 26 वर्षीय हरेंद्र और डेरी स्कनर गांव निवासी 27 वर्षीय जितेंद्र की गाजियाबाद की वेब सिटी के पास ताबड़तोड़ गोली मार के हत्या कर दी गई थी। दोनों की लाश वेब सिटी के पास एक खाली पड़े प्लॉट में मिली थी। दोनों बुधवार की देर शाम को अपने घर से निकले थे। गाजियाबाद पुलिस ने पहले ही आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि यह कोई रंजिश हो सकती है। अब जाकर पता चला है कि यह रंजिश 5 साल से चलती आ रही है।

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