गाजियाबाद में कौन सच्चा और झूठा : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक v/s नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार

गाजियाबाद | 6 महीना पहले | Sonu Singh

Tricity Today | डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मिथिलेश कुमार



Ghaziabad News : पिछले 4 वर्षों से नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तैनात डा. मिथलेश जांच के घेरे में आ गए है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) ने जांच का दायित्व मेरठ मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को सौंपा है। आरोप है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे तथा बायोमेट्रिक मशीन आदि क्रिय से जुड़े भुगतान से संबंधित फाइलों में कमीशन के चलते अनावश्यक देरी की गई। स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत गाजियाबाद में कैमरे ओर बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया था। इसी के बिलों में कमीशन का आरोप है।

यह है पूरा मामला
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गाजियाबाद में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य दिल्ली की फर्म मैसर्स जितिन प्रसाद आनंद कम्प्यूटर्स को दिया गया था। इस दौरान फर्म को 1500 सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 50 बायोमेट्रिक मशीन की खरीद और इंस्टॉलेशन के साथ चार हजार निगम कर्मचारियों के पहचान पत्र बनाने का कार्य भी दिया गया था। फर्म ने फरवरी 2019 में भुगतान के लिए बिल लगाए थे, लेकिन पत्रावलियों का अवलोकन सात माह तक भी नहीं किया गया। इस मामले में आरोप लगा था कि भुगतान से पहले कमीशन के चक्कर में पत्रावलियों का अवलोकन नहीं किया गया है और भुगतान के लिए बिल लेखा अधिकारी के पास नहीं भेजा गया। 

विवादों में रहने वाले अधिकारी 
गाजियाबाद नगर निगम में तैनात नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार लगातार निगम में विवादों से घिरे रहते हैं और बोर्ड में भी कई बार पार्षदों ने इनका विरोध किया लेकिन अपने रसूख के चलते इन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जानकारों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हाजिरी स्थलों आदि पर सीसीटीवी कैमरे तथा बायोमीट्रिक मशीनें कर्मचारियों की उपस्थिति की पड़ताल के लिए लगाए गए थे। इनकी सही से देखभाल नहीं होने के चलते अब अधिकांश खराब हो चुके है। वहीं सीसीटीवी कैमरे भी गायब हो गए है और बायोमीट्रिक मशीनें धूल फांक रही है।

डॉ मिथिलेश कुमार सिंह का दावा
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के ट्वीट करने के बाद नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार ने अपनी सफाई देते हुए डिप्टी सीएम के आरोपों को झूठा बताया और कहा कि यह पुराना मामला है जिस समय का यह मामला है उस समय वे कोविड़ में कार्य कर रहे थे। इस कारण हो सकता है। बिल के देरी हो गई होगी और यदि जांच में उनसे पूछा जाएगा तो वे इस बात का स्पष्टीकरण भी रखेंगे। इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी यह तो समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल उपमुख्यमंत्री के आरोपों के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार ने उपमुख्यमंत्री को ही झूठा साबित कर दिया है।

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