ग्रेटर नोएडा वेस्ट की नामी सोसाइटी में फंसी लिफ्ट : 22वें फ्लोर पर अटकी सांसें, मदद के लिए चींखता रहा मासूम 

Tricity Today | रोता रहा बच्चा



Greater Noida West : उत्तर प्रदेश विधानसभा में लिफ्ट और एस्केलेटर एक्ट (Lift and Escalator Act) पारित हो गया है। इस एक्ट के बाद अब कहीं पर भी लिफ्ट के भीतर कोई हादसा होता है तो जिम्मेदारों पर एक्शन होगा। पिछले कुछ समय से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कई सोसाइटी और इलाकों में लिफ्ट हादसे हुए हैं। यह हादसे लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ताजा मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट सामने आया है। जिसमें सोवियर ग्रीन आर्क सोसायटी की लिफ्ट में एक परिवार 10 मिनट तक फंसा रहा। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बच्चा फूट-फूटकर रो रहा है।
कब और कैसे हुई घटना 
सोशल मीडिया ट्विटर एक पर शनिवार को एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें एक लिफ्ट में परिवार फंसा हुआ है। करीब 10 सेकंड के इस वीडियो में एक बच्चा फूट फूटकर रो रहा है। मदद की गुहार लगा रहा है। यह पूरा मामला सोवियर ग्रीन आर्क सोसाइटी का बताया जा रहा है। जिसमें एक परिवार 22 में फ्लोर पर लिफ्ट में अचानक अटक गया। 10 मिनट तक वह चींखते-चिल्लाते रहे और सिक्योरिटी अलार्म के बटन को दबाते रहे लेकिन लिफ्ट नहीं खुली। करीब 15 मिनट बाद गार्ड वहां पहुंचा और अन्य लोगों ने लिफ्ट को खोला। जिसके बाद परिवार की सांस में सांस आई। घटना के बाद पुरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आक्रोश का माहौल है। 

स्वामी की जिम्मेदारियां होंगी तय
लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापित करने वाले स्वामी को दिन-प्रतिदिन के संचालन के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर किए जाने का भी कानून में उल्लेख दिया गया है। साथ ही आपातकालीन स्थिति में लिफ्ट के भीतर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए स्वामी को वर्ष में कम से कम दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास किए जाने का भी हवाला दिया गया है। इस अधिनियम में स्वामी को बिजली आपूर्ति में किसी भी खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए लिफ्ट या एस्केलेटर में एक स्वचालित बचाव युक्ति की स्थापना करनी अनिवार्य है। 

ऑटेमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगाना होगा
दुर्घटना होने पर स्वामी द्वारा वित्तीय क्षतिपूर्ति भी पीड़ित परिवार को प्रदान की जाएगी। लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना एवं संचालन के संबंध में शिकायत मिलने पर स्वामी अथवा संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। अब इस कानून में इमारत के मालिक को लाइट जाने के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों के बचाव के लिए ऑटेमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगाना होगा। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में लिफ्ट नजदीकी तल पर पहुंचे जाएगी। उसके दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे। वहीं, इसके अलावा लिफ्ट में पर्याप्त रोशनी और अंदर फंसे लोगों से बाहर के लोगों की बातचीत की प्रणाली लगानी होगी। वहीं, लिफ्ट में आपातकालीन घंटी होना अनिवार्य होगा।

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