बड़ी खबर : जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे मेफेयर रेसीडेंसी के निवासी, बिल्डर और सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा

Social Media | मेफेयर रेजिडेंसी के निवासी 10 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे



Greater Noida West : बिल्डर की मनमानी और सरकारों की उपेक्षा से परेशान मेफेयर रेजिडेंसी (Mayfair Residency) के निवासी 10 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसके जरिए निवासी बिल्डर की तानाशाही और सरकारों की सुस्ती से देश के लोगों को अवगत कराएंगे। इसके लिए पुलिस-प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन-4 में स्थित इस सोसाइटी के निवासी पिछले 14 हफ्तों से लगातार प्रदर्शन कर मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। बिल्डर और डेवलपर की लूट-खसोच से 71 परिवार पीड़ित है। इनमें से कई पलायन को मजबूर हो चुके हैं। निवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से मदद की गुहार लगाई है। मगर उन्हें कहीं से सहायता नहीं मिली। 

कोई सुविधा नहीं मिल रही
वैसे तो पूरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सभी हाई राइज सोसाइटीज में कमोबेश कुव्यवस्था फैली है। तमाम सोसायटी में फ्लैट की रजिस्ट्री अब तक नहीं हो सकी है। बुनियादी सुविधाओं के नाम पर निवासियों को कुछ हासिल नहीं है। मेफेयर रेसिडेंसी के निवासी भी परेशान हैं। बिल्डर ने फ्लैट के लिए मोटी रकम ली। निवासियों ने जमा पूंजी देकर घर खरीदा। लेकिन यह उनके लिए बड़ी भूल बन गया। अब तक इस सोसाइटी में किसी भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। मूलभूत सुविधाएं गायब हैं। बिजली-पानी की समस्या रोज होती है। पीने के लिए साफ पानी मयस्सर नहीं है। बिजली कटौती इतनी ज्यादा है कि सब परेशान हैं। बीते दिनों ही बिजली कटौती को लेकर सोसाइटी की महिलाओं ने बिसरख कोतवाली का घेराव किया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद विद्युत आपूर्ति शुरू हुई थी।

जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन
सोसाइटी के निवासियों ने बताया, हम लगातार 14 हफ्ते से बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना हक मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री तक से मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सहयोग करने को तैयार नहीं है। उल्टे बिल्डर की मनमानी बढ़ती जा रही है। मेंटेनेंस शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। देने से मना करने पर नहीं के बराबर मिलने वाली बिजली-पानी जैसी सुविधाएं भी बंद कर दी जाती हैं। बिल्डर हमें हर तरह से प्रताड़ित कर रहा है। जबकि शासन-प्रशासन सुस्त है। इसीलिए 10 अक्टूबर को हमने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का मन बनाया है। दिल्ली पुलिस-प्रशासन से इसके लिए अनुमति मांगी गई है। अगर वहां से मंजूरी मिलती है, तो सोसाइटी के निवासी धरना देकर अपनी समस्याओं से सभी को अवगत कराएंगे।

प्राधिकरण ने नहीं दिया जवाब
साथ ही निवासी निवासी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ढिलाई को लेकर रोष में है। दरअसल निवासियों ने आरटीआई के जरिए प्राधिकरण से एक जानकारी मांगी थी। लेकिन 30 दिन बीत जाने के बावजूद भी प्राधिकरण ने अब तक उस पर जवाब नहीं दिया है। 4 अगस्त को सोसायटी के एक निवासी ने आरटीआई के जरिए प्राधिकरण से सूचना के लिए आवेदन दिया था। इसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया। फीस जमा की गई। लेकिन 26 सितंबर तक प्राधिकरण ने उस आरटीआई पर कोई जवाब नहीं दिया है। निवासियों कहना है कि अथॉरिटी जानबूझकर बिल्डर को बचाने के लिए जवाब देने से कतरा रही है। 

साइन करा रहा अंडरटेकिंग
निवासियों पर दबाव बनाने के लिए बिल्डर और सुपर सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड मनमाने तरीके अपना रहे हैं। निवासियों से कहा गया है कि वे अपने रिस्क पर मेफेयर रेसिडेंसी में रह रहे हैं। बिल्डर ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट मिले बगैर यहां पजेशन देने के लिए तैयार नहीं है। निवासियों को जो भी सुविधाएं मिली हैं, वे उससे संतुष्ट हैं। सोसाइटी के निवासी किसी भी कंज्यूमर कोर्ट, रेरा, पुलिस, प्राधिकरण, कोर्ट या किसी अन्य संबंधित संस्था में कम सुविधाएं मिलने और रजिस्ट्रेशन नहीं होने संबंधी कोई शिकायत नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर भी निवासियों में रोष है।

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