कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य और मेडिकल से जुड़ी वस्तुओं की आपूर्ति चेन में आने वाली चुनौतियों और आपूर्ति को बेहतर बनाने में तकनीक के उपयोग की जानकारी छात्रों को देने के लिए सीआईआई स्कूल ऑफ लॉजिस्टिक्स, एमिटी विश्वविद्यालय ने ‘ तकनीक के साथ भारत में स्वास्थय देखभाल आपूर्ति श्रृंखला में सुधार’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। इसमें भारत सरकार के बड़े उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय के संयुक्त निदेशक डॉ नितिन अग्रवाल ने छात्रों को जानकारी दी। डॉ अनिता कुमार ने डॉ अग्रवाल का स्वागत किया।
वेबिनार में डॉ नितिन अग्रवाल ने वर्तमान समय में कोरोना के दौरान विभिन्न वस्तुओं जैसे ऑक्सीजन, वैक्सीन, फार्मा की सप्लाई, डायग्नोस्टिक किट, सुरक्षा शिल्ड, हवाई यात्रा, हॉस्पिटल में बेड, चिकित्सक की सलाह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित केस स्टडी के संर्दभ में विस्तृत जानकारी दी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि वैक्सीन का पहला चरण 16 जनवरी से प्रारंभ किया गया। इसमें हेल्थकेयर वर्कर को वैक्सीन लगाई जा रही थी। केंद्र सरकार ने सीरम और बॉयोटेक से 50 प्रतिशत वैक्सीन खरीद कर राज्य सरकारों को वितरित किया। हालांकि 50 फीसदी वैक्सीन राज्य सरकार, निजी अस्पताल खरीद सकते थे। उन्होंने वैक्सीन आपूर्ति में आ रही चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि कोल्ड चेन स्टोरेज नेटर्वक, वैक्सीन की ट्रैकिंग, सिरिंज, ग्लास, प्रशिक्षण आदि की कमी मुख्य चुनौती थी।
उन्होनें कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई केस के दौरान मात्र दस दिन में मांग 3842 मीट्रिक टन से बढ़कर 6785 टन हो गई। सरकार ने इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन को राज्यों देना शुरू किया। फिर विदेश से ऑक्सीजन का आयात किया गया। सीआईआई स्कूल ऑफ लॉजिस्टिक्स, एमिटी विश्वविद्यालय की निदेशिका डॉ अनिता कुमार ने अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान कोरोना काल में वैक्सीन, ऑक्सीजन सहित कई स्वास्थ्य रक्षक वस्तुओं की मांग और आपूर्ति बढ़ी है। इन्हें जरूरतमंदों तक पहुचाने में तकनीकी की भूमिका और उसमें बेहतर सुधार की गुंजाइश की जानकारी देने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया।