Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर के हजारों किसानों ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा के एलजी गोलचक्कर से जिला मुख्यालय तक फ्लैग मार्च निकाला है। इस फ्लैग मार्च में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और युवा लोग मौजूद रहे। इन लोगों की मांग है कि बीते 1 नवंबर को जितने भी किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, उनको बिना शर्त के रिहा किया जाए। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। जिले में इस समय एलजी गोल चक्कर से लेकर जिला मुख्यालय सूरजपुर तक भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पीएसी पुलिस बल को भी बुलाया गया है।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
एलजी गोलचक्कर से लेकर जिला मुख्यालय तक फ्लैग मार्च में शामिल महिलाओं को कहना है कि जिले के किसानों को बिना बात के जेल भेजा गया है। सभी किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। उसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने फर्जी मुकदमे लगाते हुए किसानों को जेल भेज दिया है। इससे पूरे जिले के किसानों में भारी रोष है। किसानों को कहना है कि अगर जल्द से जल्द जेल भेजे गए किसानों को रिहा नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।
क्या है किसानों की मांग
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में दादरी के पास नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का विद्युत उत्पादन केंद्र है। यह संयंत्र लगाने के लिए सरकार ने करीब 35 वर्ष पूर्व इलाके के 23 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया था। किसानों का कहना है कि उस वक्त भूमि अधिग्रहण की एवज में मिलने वाला मुआवजा समान नहीं था। मतलब, किसी गांव में कम और किसी गांव में ज्यादा मुआवजा भुगतान किया गया। तभी से किसान समान मुआवजे की मांग कर रहे थे। इसके अलावा एनटीपीसी में नौकरियां और इन गांवों के विकास की मांग भी किसान करते रहे थे। अब इन्हीं मांगों को पूरा करवाने के लिए 1 नवंबर को सैकड़ों की संख्या में किसान एनटीपीसी थर्मल पावर प्लांट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शन करने वाले 13 किसानों को जेल भेजा
बीते 1 नवंबर को किसानों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई थी। जिसमें पानी की बौछार की गई और फिर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। इस लाठीचार्ज में कई किसानों के घायल होने की सूचना मिली। पुलिस और किसानों के बीच हुई तीखी नोकझोंक के दौरान 13 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनको जेल भेज दिया गया है। इनमें भारतीय किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा भी शामिल हैं। सुखबीर खलीफा मूल रूप से नोएडा में सर्फाबाद गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले भी सुखबीर के नेतृत्व में नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ लंबा किसान आंदोलन किया गया था।