गौतमबुद्ध नगर प्रशासन के सारे दावे खोखले : स्मार्ट विलेज बनाने में फिसड्डी, पूरे यूपी में आई 71वीं रैंकिंग

Tricity Today | Greater Noida



Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन भले ही स्मार्ट विलेज बनाने की बात करता हो, लेकिन असली रिपोर्ट तो लखनऊ से बनकर आती है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसके मुताबिक गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के दावे झूठे और खोखले साबित हुए। ग्राम पंचायतों को संवारने में गौतमबुद्ध नगर काफी पिछड़ गया है। गांवों को मॉडल और स्मार्ट बनाने के मामले में गौतमबुद्ध नगर की पूरे उत्तर प्रदेश में 71वीं रैंक आई है।

गौतमबुद्ध नगर के 82 गांव पंचायती राज विभाग के अंतर्गत
रिपोर्ट में गौतमबुद्ध नगर की बेकार स्थिति को लेकर अब शासन स्तरीय अधिकारी सख्त हो गए हैं। उच्च अधिकारियों को गांव में हो रहे विकास कार्यों में तेजी लाने की हिदायत दी गई है। पंचायती राज विभाग के अंतर्गत 82 गांव हैं। इन गांवों को मॉडल बनाया जाना था। यहां गीले और सूखे कचरे के निस्तारण समेत कई विकास कार्य किए जाने थे। पंचायती राज विभाग अभी तक सिर्फ 16 गांवों को मॉडल बना सका है। शेष गांवों में अब भी कई कार्य बचे हुए हैं, जबकि शासन से गांवों में होने वाले विकास कार्यों के लिए बजट तक जारी हो चुका है।

ऊपर से आए आदेश तो एक्टिव हुए जिले के अफसर
विभागीय लापरवाही के कारण सुविधाएं शुरू न होने से ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निस्तारण न होने से घरों से निकलने वाला कचरा सड़क किनारे पड़ा रहता है। साथ ही गांवों को ओडीएफ प्लस भी बनाया जाना है। अब फैसला लिया गया है कि ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम होंगे। ब्लॉक स्तर पर कार्यशाला आयोजित होगी। प्रधानों को योजनाओं के फार्म भरने व जमा कराने के तरीके सिखाएं जाएंगे। प्रधान सरकारी कामकाज के बारे में सीखेंगे और ग्रामीणों की मदद कर सकेंगे। ग्राम पंचायतों की जमीन और उनके चिह्नांकन के बारे में भी प्रधानों को बताया जाएगा। इससे ग्राम सभा की जमीन सुरक्षित रहेगी।

बुलंदशहर की नंबर वन रैंकिंग
लखनऊ से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूरे उत्तर प्रदेश में पांच हजार से अधिक गांव अबतक मॉडल बन चुके हैं। नए सत्र में फिर से गांव मॉडल के लिए चुने जाएंगे। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर 443 मॉडल गांव के साथ पहली रैंक पर है। मेरठ की चौथी, बिजनौर की पांचवीं, हापुड़ की 41, गाजियाबाद की 53 बागपत की 57वीं रैंक है। पीछे रहे सभी जिलों के जिला पंचायत राज अधिकारियों को कार्य में सुधार के आदेश दिए गए हैं।

अन्य खबरें