Greater Noida News : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने 10 से 15 साल पुराने कर मामलों को लेकर उद्यमियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बीते एक से दो महीनों में विभाग ने 100 से अधिक उद्यमियों को नोटिस जारी किए हैं। जिनमें जुर्माने के साथ पुराना कर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैंक खाते सीज, कार्रवाई की चेतावनी
जीएसटी विभाग ने कर न जमा करने वाले कई उद्यमियों के बैंक खातों को सीज कर दिया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि कर का भुगतान जल्द नहीं किया गया तो विभाग और सख्त कार्रवाई करेगा। यह कदम उन मामलों में उठाया जा रहा है जो 10 से 15 साल पुराने हैं।
उद्यमियों के सामने चुनौतियां
इस सख्त कार्रवाई ने उद्यमियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) के महासचिव वीके सेठ ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, "उद्यमियों के पास इतने पुराने कर मामलों से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। विभाग को खुद अपनी रिकॉर्ड प्रणाली को सुधारने की जरूरत है, लेकिन इसके बजाय उद्यमियों को नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है।"
इनको भेजा नोटिस
जीएसटी विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई लंबित कर वसूली के लिए की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि उद्यमियों को अपने भुगतान संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। जिनके पास रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें विभागीय प्रक्रिया के तहत समाधान का विकल्प दिया जाएगा।
उद्यमियों का कारोबार प्रभावित हो रहा
10-15 साल पुराने मामलों में उद्यमियों के पास कर भुगतान के दस्तावेज नहीं हैं। उद्यमियों का आरोप है कि विभाग ने स्वयं अपने रिकॉर्ड को सही तरीके से नहीं रखा। बिना उचित संवाद के बैंक खाते सीज करने से उद्यमियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। एनईए महासचिव ने विभाग से अपील की है कि ऐसे पुराने मामलों में उद्यमियों को राहत दी जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि विभाग कर वसूली के लिए डिजिटल रिकॉर्ड या अन्य समाधान आधारित प्रक्रिया अपनाए, जिससे अनावश्यक विवादों से बचा जा सके।