BIG BREAKING : नोएडा पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुंदर भाटी को मिली बड़ी राहत

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Greater Noida News : जहां एक तरफ नोएडा पुलिस (Noida Police) ने गौतमबुद्ध नगर के सबसे बड़े स्क्रैप माफिया रवि काना की पत्नी को गिरफ्तार किया तो वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका भी लगा है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की टॉप बदमाश लिस्ट में शामिल कुख्यात सुंदर भाटी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें बेल कैंसिल करने की याचिका को खारिज कर दिया गया है।

सुंदर भाटी की वकील ने ट्राईसिटी टुडे से की बातचीत
इस मामले में सुंदर भाटी की वकील अमिता गुप्ता ने 'ट्राईसिटी टुडे' टीम से खास बातचीत की। उन्होंने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा पुलिस के द्वारा लगाई गई बेल एप्लीकेशन को खारिज करने की याचिका को कैंसिल कर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को डायरेक्शन देते हुए कहा है कि इस फाइल को बंद कर दिया जाए।"

नोएडा पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा?
अमिता गुप्ता ने 'ट्राईसिटी टुडे' को आगे बताया, "सुंदर भाटी को 6 नवंबर 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद नोएडा पुलिस ने यह कहते हुए बेल एप्लीकेशन को कैंसिल करने के लिए कहा था कि सुंदर भाटी पर काफी गंभीर मुकदमे दर्ज है और पिछले करीब साढ़े 4 सालों से जेल में बंद है, लेकिन इस मामले में मेरे द्वारा कोर्ट को बताया गया कि सुंदर भाटी करीब 9 सालों से जेल में बंद है।"

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई नोएडा पुलिस
अमित गुप्ता ने आगे कहा, "नोएडा पुलिस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुंदर भाटी की बेल एप्लीकेशन को खारिज के लिए कहा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले को ध्यानपूर्वक समझते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के लिए कहा है।" इस तरीके से सुंदर भाटी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।

सुंदर भाटी को किस मामले में हुई थी उम्रकैद की सजा
सुंदर भाटी और उसके उसके साथियों को ग्रेटर नोएडा में हुए 'हरेंद्र नागर हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा हुई थी। यह सजा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाई थी। सुंदर भाटी पर आरोप था कि उसने 18 फरवरी 2015 को ग्रेटर नोएडा में स्थित दादूपुर गांव के पूर्व प्रधान हरेंद्र नागर की हत्या करवाई है। इस मामले में हरेंद्र के भाई रवि काना उर्फ रविंद्र नागर ने मुकदमा दर्ज करवाया था। मामले में काफी समय तक सुनवाई हुई और फिर 4 अप्रैल 2021 को दोषी मानते हुए हाईकोर्ट ने सुंदर भाटी और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

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