Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड बैठक में गुरुवार को खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे बिल्डर और खरीदारों के बीच होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। प्राधिकरण ने अब 100 रुपये के एस्टाम्प पेपर पर होने वाले एग्रीमेंट को समाप्त कर दिया है, जिससे बिल्डर खरीदारों को आसानी से धोखा नहीं दे सकेंगे।
नई नीति के तहत एग्रीमेंट की प्रक्रिया
नई नीति के अनुसार, अब बिल्डर और खरीदार के बीच एग्रीमेंट टू लीज (संपत्ति के पट्टे का अनुबंध) करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया में खरीदार को कुल कीमत का 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा। यदि बिल्डर और खरीदार फ्लैट या संपत्ति बेचना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए यमुना प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
दूसरों को बेचने की मनाही
इसके अतिरिक्त, खरीदार अपने फ्लैट को अन्य किसी व्यक्ति को बेचने के लिए भी प्राधिकरण की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे। यह कदम खरीदारों और बिल्डरों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और दोनों पक्षों के बीच विवादों को भी कम करेगा।
प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी
यमुना प्राधिकरण ने इस फैसले के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि बिल्डर अपने प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कर खरीदारों को सौंपें। इससे न केवल खरीदारों के हितों की रक्षा होगी, बल्कि प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार निर्माण कार्य भी सुनिश्चित होगा। कुल मिलाकर यह निर्णय यमुना प्राधिकरण द्वारा खरीदारों को अधिक सुरक्षा प्रदान करने और बिल्डरों को जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बाजार में पारदर्शिता आएगी, बल्कि खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।