यमुना प्राधिकरण से चीटिंग करने वाले नपेंगे : डबल आवंटन घोटाले की जांच का आदेश, इंक्वायरी कमेटी गठित, सख्त कार्रवाई की तैयारी

Tricity Today | यमुना प्राधिकरण



Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के इंडस्ट्री विभाग में डबल आवंटन घोटाले के मामले ने प्राधिकरण की आंखें खोल दी हैं। इस गंभीर मामले को लेकर यमुना प्राधिकरण ने अपनी हालिया बोर्ड बैठक में सभी प्रकार की संपत्तियों के आवंटन की जांच करने का प्रस्ताव रखा है। यह फैसला तब लिया गया जब उद्योग विभाग में 47 मामलों में डबल अलॉटमेंट का खुलासा हुआ, जिसमें पति-पत्नी द्वारा तलाक का झूठा दावा करके अलग-अलग नामों से प्लॉट आवंटित कराए गए हैं।

47 मामलों में डबल अलॉटमेंट का खुलासा
जांच के दौरान पाया गया कि 47 मामलों में पति-पत्नी ने अलग-अलग नामों से फ्लैट का आवंटन कराया और तलाक का बहाना दिखाकर प्राधिकरण को गुमराह किया। इनमें से अब तक 18 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि इन मामलों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इन आवंटनों की सच्चाई की पड़ताल करेगी। 

समिति करेगी गहराई से जांच
बोर्ड द्वारा गठित की गई इस समिति की अध्यक्षता यमुना प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। समिति को यह अधिकार दिया गया है कि वह तलाक के दावों की गहन जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि आवेदकों ने गलत जानकारी देकर प्लॉट का डबल अलॉटमेंट तो नहीं कराया है। तलाक के कागजातों की सत्यता की जांच भी समिति द्वारा की जाएगी, और यदि तलाक का दावा झूठा पाया गया, तो संबंधित आवंटन को रद्द कर दिया जाएगा।

अन्य परिसंपत्तियों की भी होगी जांच
सीईओ ने यह भी बताया कि इंडस्ट्री, संस्थागत, कमर्शियल और अन्य परिसंपत्तियों में भी ऐसे डबल आवंटन के मामले सामने आए हैं। संपत्ति विभाग में भी डबल अलॉटमेंट की जांच की जाएगी, ताकि इस प्रकार की धांधली को रोका जा सके। सभी विभागों में आवंटित संपत्तियों का सर्वे करके उनकी जांच की जाएगी, जिससे भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचा जा सके।

सख्त कार्रवाई की तैयारी
यमुना प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने गलत तरीके से डबल अलॉटमेंट कराया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन मामलों में दोषी पाए गए लोगों के फ्लैट या प्लॉट का आवंटन रद्द किया जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। समिति को इस कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दिए गए हैं, ताकि जांच निष्पक्ष और सख्ती से की जा सके। 

कुल मिलाकर यमुना प्राधिकरण द्वारा लिए गए इस फैसले से आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और गड़बड़ियों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। डबल अलॉटमेंट के इन मामलों पर सख्त कार्रवाई कर प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी न हो और सभी संपत्तियों का सही आवंटन हो।

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