यमुना अथॉरिटी के डीजीएम राजेंद्र भाटी के निलंबन पर रोक : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश को गलत ठहराया, पढ़िए पूरी खबर

Tricity Today | डीजीएम राजेंद्र भाटी



Greater Noida News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में कार्यरत उप महाप्रबंधक और याचिकाकर्ता राजेंद्र भाटी को राज्य सरकार द्वारा निलंबित करने के आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने यह आदेश पारित किया।

यमुना प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखा
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और उनके सहायक देवांश मिश्रा ने दलीलें प्रस्तुत कीं। जबकि राज्य की ओर से अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता मोनिका आर्या और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता सैयद इम्तियाज अली ने पक्ष रखा।

क्या है पूरा मामला
राजेंद्र भाटी को 18 सितंबर 2024 को उनके तबादले के आदेश का पालन न करने के आरोप में निलंबित किया गया था। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि भाटी को तबादले का आदेश मिला था, परंतु जहां वे वर्तमान में कार्यरत हैं, वहां के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया। याचिकाकर्ता के वकील ने आगे कहा कि आरोप, यदि सत्य भी साबित हो, तो भी यह कोई बड़ा दंड देने का आधार नहीं बनता। अतः निलंबन आदेश, प्रारंभिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश सरकार सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1999 के नियम 4 के प्रावधानों का उल्लंघन प्रतीत होता है।

अदालत ने दिया यह आदेश
अदालत ने इस मामले में प्राथमिक दृष्टि से याचिकाकर्ता के पक्ष में पाया और निलंबन आदेश पर रोक लगाई। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को नियमित वेतन और सेवाएं बहाल रखी जाएंगी। हालांकि, याचिकाकर्ता को जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया गया है, और जांच एक माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश राज्य सरकार को तबादले का आदेश पारित करने से नहीं रोकता है, और याचिकाकर्ता के पास इस पर आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार रहेगा।

दो दिन में आदेश का पालन जरूरी
यह आदेश न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के प्रधान सचिव और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 48 घंटे के भीतर भेजे जाने का निर्देश दिया गया है।

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