ग्रेटर नोएडा में खूनी संघर्ष और फायरिंग : भीड़ ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष का हाथ तोड़ा, लखपत सिंह के नाम पर पोती कालिख

Tricity Today | भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पंडित राहुल शर्मा से कैलाश अस्पताल में मुलाक़ात करते पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनिल पंडित



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा शहर के सीमावर्ती गांव लड़पुरा में मंगलवार की शाम ख़ूनी संघर्ष हुआ। दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। पथराव किया गया और गोलीबारी भी हुई। इस संघर्ष में भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पंडित राहुल शर्मा को बुरी तरह पीटा गया है। जिला उपाध्यक्ष का हाथ तोड़ दिया गया। वह फ़िलहाल कैलाश अस्पताल में भरती हैं। इस मामले में पुलिस की ओर से जिला उपाध्यक्ष समेत 11 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि गांव के एक बुजुर्ग चौधरी लखपत सिंह के नाम पर कालिख पोतने के कारण यह विवाद पनपा है।
क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा की कासना कोतवाली के सब इंस्पेक्टर रोहित मलिक ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है। रोहित मलिक ने बताया कि 25 जुलाई को लड़पुरा गांव से डायल 112 पर सूचना दी गई। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे कॉलर ने बताया कि गांव में चौधरी लखपत सिंह द्वार का निर्माण वर्ष 2007 में हुआ था। गांव के राहुल, श्यामवीर, नितिन, अमित, अनुराग, श्याम और अमित ने चौधरी लखपत सिंग के नाम को क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिसको लेकर लखपत पक्ष के मोहित, सुमित, जुगेंद्र, प्रदीप और जितेंद्र व अन्य लोगों ने विरोध किया। इस वजह से दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो रही है। सब इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि वह फ़ोर्स लेकर मौक़े पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि गेट पर लिखे गए चौधरी लखपत सिंह द्वार को क्षतिग्रस्त किया गया है। पेंट और काला तेल डालकर विरूपित किया गया है। जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच लाठी और डंडों से संघर्ष हो रहा था। एक दूसरे पर पथराव कर रहे थे। गांव से गुजर रहे मुख्य मार्ग पर यह मारपीट चल रही थी। इन लोगों ने जानलेवा हमला किया और फायरिंग की। झगड़े के दौरान पूरे बाज़ार में अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया। बाज़ार में दुकानदारों और अन्य लोगों ने बमुश्किल इधर-उधर दौड़कर अपनी जान बचायी। सड़क पर ट्रैफ़िक जाम लग गया। जिससे आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जमीन पर कब्जे को लेकर चल रहा विवाद
सब इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि उन्होंने इस झगड़े के बारे में जांच की। पता चला कि इन दोनों पक्षों के बीच काफ़ी समय से ग्राम समाज की ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा है। जिसमें दोनों पक्षों के बीच कई बार पंचायत हो चुकी हैं। राहुल कुमार और उसके पक्ष का कहना है कि यह ज़मीन ग्राम समाज की है। मोहित पक्ष ने इस ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रखा है। दूसरी ओर मोहित का पक्ष इसे अपनी ज़मीन बताता है। राहुल, नितिन, अमित, अनुराग, श्याम और कुछ अन्य लोगों ने मीटिंग की। योजना बनाकर चौधरी लखपत सिंह के नाम पर कालिख पोत दी। इन लोगों ने पंचायत में कहा कि मोहित के पक्ष के लोग ग्राम समाज की ज़मीन ख़ाली नहीं कर रहे हैं, इसलिए चौधरी लखपत सिंह का नाम मिटा दिया जाए। गांव का यह द्वार वर्ष 2007 में बनाया गया था। इन सारे लोगों ने चौधरी लखपत सिंह के नाम को योजना के तहत क्षतिग्रस्त किया और विरूपित किया है। जिससे गांव और आसपास के क्षेत्र में अशांति का माहौल उत्पन्न हो गया है।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
1. राहुल कुमार पुत्र श्यामवीर
2. नितिन पुत्र भिखारी
3. अमित पुत्र भूले
4. अनुराग पुत्र भूले
5. श्याम उतर जग्गी
6. अमित पुत्र करतार
7. मोहित पुत्र हरवीर
8. सुमित पुत्र करतार
9. जुगेंद्र पुत्र गनेशी
10. प्रदीप पुत्र विकल
11. जितेन्द्र पुत्र सत्ती

इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
आईपीसी 147
आईपीसी 148
आईपीसी 149 
आईपीसी 307 
आपराधिक क़ानून संशोधन अधिनियम की धारा 7

कौन थे चौधरी लखपत सिंह
चौधरी लखपत सिंह लड़पुरा गांव के बुजुर्ग थे। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के बड़े सामाजिक और प्रतिष्ठित किसान परिवार से ताल्लुक़ रखते थे। उनके पोते रविंद्र भाटी गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2007 में गांव के मुख्य मार्ग पर द्वार का निर्माण करवाया गया था। द्वार का निर्माण जिला पंचायत और ग्राम पंचायत में करवाया था। सर्व समाज की सहमति से द्वार का नाम चौधरी लखपत सिंह के नाम पर रखा गया था। अब जानबूझकर राजनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष राहुल शर्मा और उनके समर्थकों ने द्वार के नाम पर आपत्ति ज़ाहिर की है। इससे पूरे क्षेत्र के गुर्जर समाज में रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि यह पूरा घटनाक्रम गुर्जर और ब्राह्मण समाज के बीच जातिगत वैमनस्यता फैलाने वाला है। इसके पीछे बड़ी राजनीति है। ज़िले में भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा नेता ब्राह्मण और गुर्जर समाज के बीच वैमनस्यता पैदा करने का प्रयास कर रहा है। इससे पहले उसने ठाकुर और ब्राह्मण समाज के बीच बड़ा विवाद खड़ा करवाया था।

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