यमुना सिटी में लगेंगी दो इंटरनेशनल सेमीकंडक्टर कंपनी : एक झटके में आएगा 160 हजार करोड़ रुपये का निवेश, पढ़िए सीईओ का प्लान

Tricity Today | Dr Arunvir Singh



Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो इंटरनेशनल सेमीकंडक्टर कंपनी लगाई जाएंगी। इसके बाद एक झटके में यमुना सिटी में 160 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इसको लेकर यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ ने खास जानकारी दी है। सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में सेमीकंडक्टर की महत्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए केंद्रीय और उत्तर प्रदेश सरकारें इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने में जुटी हुई हैं। यमुना विकास प्राधिकरण में सेमीकंडक्टर की इकाइयों को स्थापित करने के लिए कई कंपनियों ने रुचि व्यक्त की है। केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं, जिनमें 75% भूमि स्कीम की सुविधा भी शामिल है।

टार्क कंपनी और HCL कंपनी ने दिखाई रूचि
यमुना सिटी में सेमीकंडक्टर कंपनियों को स्थापित करने के लिए अब तक पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इनमें प्रमुख रूप से टार्क कंपनी और HCL कंपनी शामिल हैं। इन कंपनियों ने कुल 428 एकड़ से अधिक जमीन की मांग की है, जिसमें से 300 एकड़ जमीन सेक्टर-10 में और 128 एकड़ जमीन सेक्टर-28 में मांगी गई है।

जल्द शुरू होगा परियोजना पर काम
यमुना विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर हाल ही में बैठक की और आने वाले समय में सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए एक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। दोनों कंपनियों के प्रस्तावों को केंद्र सरकार से अनुमोदन के लिए भेजा गया है। अनुमोदन मिलने के बाद ही भूमि का आवंटन होगा और परियोजना पर काम शुरू होगा।

10,000 लोगों को रोजगार और 160 हजार करोड़ रुपये का निवेश
यमुना सिटी में सेमीकंडक्टर कंपनियों की स्थापना से न केवल उत्तर प्रदेश को बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। यहां का वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर इन कंपनियों को समुचित लाभ पहुंचाएगा। प्राधिकरण क्षेत्र में इस निवेश से कुल मिलाकर 160 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। हालांकि, इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं सीमित होती हैं, लेकिन दोनों कंपनियों के मिलकर काम करने से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। सेमीकंडक्टर उद्योग की इस तरह की वृद्धि उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण बूस्ट साबित होगी, क्योंकि इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि विश्वविद्यालयों में भी इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की उपस्थिति बढ़ेगी।

अन्य खबरें