Greater Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 55 गांवों को बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण से निकालकर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) में शामिल कर दिया है। गुरुवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि अभी तक गौतमबुद्ध नगर से आगरा तक यमुना अथॉरिटी के दायरे में 1,187 गांव थे। अब इन गांवों की संख्या बढ़कर 1,242 हो गई है। इन सारे गांवों की जमीन पर यमुना अथॉरिटी विकास योजनाएं लेकर आएगी। खास बात यह है कि यमुना अथॉरिटी जिस औद्योगिक शहर का विकास कर रही है, वह देश की राजधानी दिल्ली के मुकाबले दो गुना से भी ज्यादा बड़ा होगा।
यमुना अथॉरिटी का क्षेत्रफल 10% और बढ़ा
देश की राजधानी दिल्ली का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर है। अभी तक यमुना अथॉरिटी का दायरा 2,689 वर्ग किलोमीटर था। इसमें वेस्ट यूपी के 6 जिलों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा और हाथरस के 1,187 गांव शामिल थे। अब बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 55 गांवों को यमुना अथॉरिटी के दायरे में शामिल कर दिया गया है। जिसके बाद इस प्राधिकरण के पास गांवों की कुल संख्या बढ़कर 1,242 हो गई है। प्राधिकरण के दायरे का क्षेत्रफल भी करीब 10% बढ़ गया है। अब यमुना प्राधिकरण का क्षेत्रफल बढ़कर करीब 3,000 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इस तरह यमुना सिटी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा बड़ी होगी।
नोएडा से 15 और गुड़गांव से 4 गुना बड़ा होगा
यमुना सिटी हाईटेक शहर नोएडा से करीब 15 गुना बड़ा होगा और एनसीआर के प्रमुख शहर साइबर सिटी गुरुग्राम से 4 गुना बड़ा होगा। आपको बता दें कि गुरुग्राम का क्षेत्रफल 732 वर्ग किलोमीटर है, जबकि नोएडा का क्षेत्रफल केवल 203 वर्ग किलोमीटर है। यह नया शहर ग्रेटर नोएडा से 8 गुना बड़ा होगा। ग्रेटर नोएडा का क्षेत्रफल केवल 380 वर्ग किलोमीटर है। फरीदाबाद से यमुना सिटी करीब 16 गुना बड़ी होगी। फरीदाबाद का क्षेत्रफल करीब 190 वर्ग किलोमीटर है।
यमुना सिटी बनेगा देश का पहला एयरोट्रोपोलिस
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की यात्रा में यमुना अथॉरिटी तीसरा बड़ा पड़ाव है। सरकार ने 'औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम-1976' के तहत 24 अप्रैल 2001 को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन किया। इस नए प्राधिकरण के तहत गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा जिलों के 1,187 गांवों को शामिल करके यमुना सिटी बसाया जा रहा हैं। आने वाले वक्त में यमुना सिटी दिल्ली से दो गुना बड़ा शहर बन जाएगा। यहां जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। यह हवाईअड्डा ना केवल देश बल्कि एशिया का सबसे बड़ा होगा। इसी हवाईअड्डे की बदौलत यमुना सिटी देश का पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा।
क्या होगा इस शहर का आधार
यमुना सिटी एयरोट्रोपोलिस मुख्य रूप से एमएसएमई, सिविल एविएशन और कृषि क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत करेगा। इस एयरपोर्ट के आसपास के जिलों में छोटे-बड़े उद्योगों के साथ ही कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा एजुकेशन, मेडिकल टूरिज्म, फ़िल्म मेकिंग, टूरिज्म-कल्चर एंड हेरिटेज, टॉय मेकिंग, आईटी-आईटीएस और लॉजिस्टिक्स इस एयरोट्रोपोलिस की आर्थिक गतिविधियां होंगी।
तीन शहर बसाएगा यमुना प्राधिकरण
यमुना प्राधिकरण एक्सप्रेसवे के किनारे तीन नए शहर बसाएगा। ये तीनों शहर अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिले की सीमा में बसाए जाएंगे। चौथा शहर नोएडा अथॉरिटी बसाएगी। यह नया शहर गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के 80 गांव में विकसित होगा। इन चारों शहरों की डीपीआर बनाई जा रही हैं।
टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर 11,104 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसमें 1794.4 हेक्टेयर उद्योगों और 1608.3 हेक्टेयर मिश्रिम भू-उपयोग के लिए आरक्षित रहेगा। इस शहर को 35 सेक्टरों में बांटकर बसाया जाएगा। यहां लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा।
मथुरा जिले के राया में नया वृंदावन शहर बसाया जाएगा। यह हेरिटेज सिटी रहेगी। 9,350 हेक्टेयर में बसने वाले इस शहर में 731 हेक्टेयर इलाके में पर्यटन जोन विकसित होगा। 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। यह चैनल भगवान श्रीकृष्ण और उनके पूरे जीवन को प्रदर्शित करता नजर आएगा। इस शहर के सेक्टरों के नाम भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी घटनाओं, स्थानों और पात्रों पर आधारित होंगे।
आगरा शहर के पास यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नया आगरा 12,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया जाएगा। इस नए शहर की जनसंख्या करीब 5 लाखों होगी। यहां लेदर इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। नया शहर पर्यटन और उद्योग के केंद्र के तौर पर विकसित होगा। आगरा में दोनों गतिविधियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। यह इलाका एनसीआर से बाहर है। इसलिए इसका मास्टर प्लान एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से पास नहीं कराना पड़ेगा। मास्टर प्लान पर प्रदेश सरकार की मुहर के बाद काम शुरू हो जाएगा।
एयरोट्रोपोलिस में 5 खूबियां होंगी
स्मार्ट ट्रैफिक : इन शहरों में स्मार्ट सड़क यातायात होगा। सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के लिए सड़कों पर अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। नए शहरों में ट्रैफिक सिग्नल नहीं होंगे, ताकि प्रदूषण कम फैले।
बिजली में आत्मनिर्भर : सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर अधिक जोर दिया जाएगा। सार्वजनिक स्थलाें पर सौर ऊर्जा इस्तेमाल होगी। शहर के निवासी को 50% सौर ऊर्जा उपयोग करनी पड़ेगी।
नदियों में सीवर नहीं : आधुनिक शहर से निकलने वाला सीवर का गंदा पानी नदियों में नहीं जाएगा। शहर में उस पानी को रिसाइक्लिंग के बाद बागवानी, उद्यान और सिंचाई में उपयोग किया जाएगा।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग : रोजमर्रा की जरूरत के लिए भूगर्भ जल या अन्य जल स्रोतों का इस्तेमाल होगा। बारिश के पानी को रिचार्ज करने के लिए निजी और सार्वजनिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होंगे।
पर्यावरण संरक्षण : इन शहरों में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा। न्यू वृंदावन सिटी में भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाओं को परिलक्षित किया जाएगा।
साल 2050 तक मुकम्मल शक्ल लेगा
इनके अलावा यमुना सिटी एयरोट्रोपोलिस में 3 बड़े अर्बन सेंटर होंगे। यह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी हैं। नोएडा का डेवलपमेंट अंतिम चरण में चल रहा है। ग्रेटर नोएडा करीब आधा विकसित हो चुका है। यमुना सिटी का विकास तेजी से चल रहा है। 2050 तक यमुना सिटी एयरोट्रोपोलिस एक मुकम्मल शक्ल ले लेगा। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी, नया नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, राया टप्पल और नया आगरा जैसे अत्याधुनिक शहर होंगे। साथ ही गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और हाथरस जैसे पुराने शहर भी इसके दायरे में आ जाएंगे। इसी वक्त तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों चरण पूरे होगे।