1857 की क्रांति : मेरठ से शुरू हुई थी आंदोलन की शुरुआत, जानिए 10 का इतिहास

हापुड़ | 11 दिन पहले | Shahrukh Khan

Tricity Today | मेरठ से शुरू हुई थी आंदोलन की शुरुआत



Meerut/Hapur News : 10 मई 1857 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। आज ही के दिन मेरठ से आजादी के पहले आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो बाद में पूरे देश में फैली। देश के वीर सपूतों ने अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए। चर्बी लगे कारतूसों को आधार बनाकर विद्रोह की आग सुलगाने में मेरठ छावनी के 85 सैनिकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ये सभी क्रांतिकारी सैनिक मेरठ कमिश्नरी के निवासी थे। इनमें एक वीर सैनिक हापुड़ के मोहल्ला भंडापट्टी निवासी चौधरी जबरदस्त खां भी थे। अंग्रेजों ने बाद में जबरदस्त खां और उनके भाई को झूठे मुकदमे में मौत की सजा सुनाई थी।

अंग्रेज अफसर ने फांसी पर चढ़ाया था 
दरअसल, चौधरी जबरदस्त खां 10 मई 1857 को अंग्रेज अफसर का विरोध कर दिल्ली की ओर मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को देश का शासक बनाने के लिए निकल पड़े थे। हालांकि बाद में उन्हें और उनके भाई नवाबउल्त खां को पकड़कर 14 सितंबर 1857 को हुसलन नामक अंग्रेज अफसर ने फांसी पर चढ़ा दिया। उनके पूरे परिवार को कत्ल करने का आदेश दे दिया गया।जबरदस्त खां के परिवार का एक कारिंदा अब्दुल रहमान उनके चार साल के बच्चे अब्दुल्ला को लेकर कश्मीर चला गया। जबरदस्त खां की बुलंदशहर रोड स्थित जायदाद जब्त कर ली गई। उधर रहमान ने अब्दुल्ला का पालन पोषण कर उसे बैरिस्टर बनाया और अपने अंतिम दिनों में अब्दुल्ला को पूरे मामले की जानकारी दी।

अंग्रेजों से मुकदमा लड़कर खानदानी जमीन वापस ली 
वहीं, अब्दुल्ला हापुड़ आए और मेरठ में बैरिस्टर हुए। अंग्रेजों से मुकदमा लड़कर खानदानी जमीन वापस ले ली, फिलहाल यह जमीन गांव इमटौरी में स्थित है। चौधरी जबरदस्त खान के प्रपौत्र लेखक और साहित्यकार फसीह चौधरी और प्रपौत्र डॉ. मरगूब त्यागी ने बताया कि आज भी वे लोग आओ पढ़ो सोसायटी' और फ्रीडम फाईटर्स मेमोरियल सोसायटी हापुड़" 1857 स्वतंत्रता संग्राम यादगार समिति के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को याद करते हैं।

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