एसडीएम मथुरा के बाद अब एडीएम बलिया को भू-माफिया में धमकाया, एसडीएम की जमीन पर किया कब्जा

Google Image | बलिया के जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही



उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पहले से ही निशाने पर है, अब एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनके चलते प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शनिवार को मथुरा के एसडीएम को उनके घर पहुंच कर कुछ हथियारबंद लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी। अब बलिया के अपर जिलाधिकारी को भू-माफियाओं ने भुगत लेने की धमकी दी है। इतना ही नहीं एडीएम की जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया है।

बलिया के जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने मिर्जापुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा है। यह पत्र 23 जुलाई को लिखा गया है। जिसमें बलिया के जिलाधिकारी ने लिखा है कि प्रवरशील बरनवाल उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं। वह अभी बलिया में बतौर अपर जिलाधिकारी (भू राजस्व) और मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। प्रवरशील बरनवाल की माताजी ने मिर्जापुर के भरूहा गांव में एक भूमि खरीदी है। जिस पर प्रवरशील बरनवाल सेवानिवृत्ति के बाद मकान बनाकर रहना चाहते हैं।

डीएम ने आगे लिखा है कि इस जमीन पर अच्छे प्रताप सिंह, इंदिरा सिंह, विजय सिंह और धेनु शुक्ला नाम के व्यक्तियों ने कब्जा कर लिया है। यह लोग प्रभावशाली व्यक्ति हैं और भूमाफिया किस्म के हैं। इनके खिलाफ थानों में गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। यह लोग एडीएम का मकान बनने नहीं दे रहे हैं। निर्माण कार्य में लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। अपर जिलाधिकारी को धमकाया और डराया जा रहा है। इस बारे में प्रवरशील बरनवाल ने अपर पुलिस महानिदेशक एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन और अपर पुलिस महानिदेशक टेलीकॉम को भी प्रार्थना पत्र भेजे हैं।

बलिया के जिलाधिकारी ने इस मामले में मिर्जापुर के डीएम और एसपी से कार्यवाही करने की मांग की है। इससे पहले शनिवार को मथुरा के डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय ने अपने डीएम को एक पत्र लिखा था। जिसमें राजीव उपाध्याय ने बताया था कि रात में करीब 9:20 बजे ऑफिसर्स कॉलोनी के उनके सरकारी आवास में एक फॉर्च्यूनर कार में सवार होकर चार राइफल धारी आए थे। एक व्यक्ति के पास पिस्टल भी था। उनके आवास पर तैनात होमगार्ड विपिन और भूरी सिंह से पूछा, डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय इसी घर में रहता है। जब होमगार्ड ने बताया कि यहीं रहते हैं, तो उन लोगों ने कहा कि उसको खबर कर देना कि उसका समय पूरा हो गया है। उसे जल्दी ही निपटा देंगे। समझा दो कि जिला मजिस्ट्रेट के कहने पर दुकानें गिराने और सरकारी संपत्तियों से कब्जा हटाने का काम तुरंत छोड़ दे। नहीं तो खैर नहीं होगी।

इसके बाद यह हथियारबंद लोग फॉर्च्यूनर में बैठकर फरार हो गए। एसडीएम ने डीएम से मांग की है कि इन परिस्थितियों के चलते उनकी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए। डीएम और एसडीएम की यह दोनों चिट्ठियां सोशल मीडिया पर पिछले 2 दिनों से तेजी के साथ वायरल हो रही हैं। ट्विटर और फेसबुक पर लोग इन पत्रों को शेयर करके लिख रहे हैं कि जब उत्तर प्रदेश में डीएम, एसडीएम और एडीएम स्तर के प्रशासनिक अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की क्या सुरक्षा हो पाएगी। दूसरी ओर विपक्ष इन दोनों घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन दोनों घटनाओं को लेकर ट्वीट किया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के पुख्ता कानून-व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़ा किया है। अखिलेश यादव का कहना है कि जब आईएएस और पीसीएस अफसर ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे। कांग्रेस ने भी इस मसले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से लेकर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह तक ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस पहले से ही यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार हमलावर बनी हुई है। ऐसे में अब एसडीएम और डीएम की इन चिट्ठियों ने सरकार को और मुसीबत में डाल दिया है।

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