उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राज्य में महामारी एक्ट लागू कर दिया है। उनके प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने जिलाधिकारी को यह आदेश भेजा है। जिसमें अस्पतालों, अधिकारियों और आम नागरिकों के लिए खास दिशा-निर्देश शामिल हैं। अगर किसी को खुद के संक्रमित होने की आशंका भी है तो तत्काल अस्पताल पहुंच जाएं। बीमारी छिपाने की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रविवार को राज्यपाल ने अधिसूचना जारी करते हुए महामारी एक्ट लागू कर दिया है। आदेश सभी जिलाधिकारियों को भेजा गया है। गौतमबुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। महामारी एक्ट को अभी 30 अप्रैल तक लागू किया गया है। जिसके तहत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को विशेष अधिकार दिए गए हैं। यह कानून अस्पतालों, आम आदमी, चिकित्सकों, कंपनियों और सरकारी मुलाजिमों पर लागू कर दिया गया है।
इन 12 बातों को ख्याल रखें
- सभी सरकारी और निजी चिकित्सालयों में संदिग्ध मामलों की जांच करने के लिए एक विशेष कॉर्नर होना चाहिए।
- सभी सरकारी, गैर सरकारी और आयुष चिकित्सक ऐसे लोगों की तत्काल सूचना जिला निगरानी समिति को देंगे, जिन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित देशों की यात्रा की है। संक्रमित व्यक्ति को फार्म भरकर सारी सूचनाएं देनी होंगी।
- यदि कोरोना वायरस के लक्षणों वाला कोई भी व्यक्ति सामने आता है तो उसे 14 दिनों के लिए उसके घर में आइसोलेट किया जाएगा। प्रोटोकॉल के मुताबिक उसका उपचार होगा और ऐसे व्यक्ति के बारे में तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना देनी होगी।
- कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन कोरोना वायरस के बारे में प्रकाशन, प्रसारण या सोशल मीडिया पर लिखने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेगा। अपनी मनमर्जी से लिखने या अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसे दंडनीय अपराध माना जाएगा।
- कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए निर्धारित सरकारी प्रयोगशालाएं ही मरीजों के खून का नमूना लेंगी। खून के ये नमूने तय प्रशोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजने होंगे।
- कोरोना वायरस से संक्रिमत घोषित किए गए देशों से वापस लौटने वाले व्यक्ति को तत्काल उत्तर प्रदेश सकार, स्वास्थ्य निदेशालय या जिला प्रशासन को सूचना देनी होगी। इतना ही नहीं इस देशों से लौटकर आए लोगों को मास्क से नाक और मुंह को ढककर रखना होगा। 14 दिनों तक अपने परिवार और दूसरे सभी लोगों से दूर अपने घर में रहना होगा।
- कोरोना वायरस से संक्रिमत व्यक्ति या जिसके संक्रमित होने की संभावना हो उसे जिला प्रशासन हिरासत में लेकर आइसोलेशन में रख सकता है। उसके खिलाफ संक्रमण को छिपाने की कोशिश के तहत कार्रवाई की जा सकती है। मतलब, यदि किसी भी व्यक्ति (जो कोरोना वायरस से संक्रमित) है, उसने अपनी पहचान छिपाई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए लोगों को अब ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है।
- यदि किसी गांव, कस्बे या मोहल्ले में संक्रमण फैलने की जानकारी मिलेगी तो उससे दूसरे क्षेत्रों को बचाने के लिए जरूरी कदम प्रशासन उठाएगा। इसके तहत उस इलाके को सील कर दिया गया जाएगा। वहां दूसरे लोगों को जाने की इजाजत नहीं होगी। वहां से संक्रमित लोगों को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। वहां वाहनों के आवागमन पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
- ऐसे क्षेत्र के अस्पतालों या दूसरी इमारतों को प्रशासन अधिग्रहीत कर सकता है। फिलहाल सभी सरकारी और निजी अस्पताल जिला प्रशासन ने अटैच कर लिए हैं।
- यदि जिला प्रशासन को लगता है कि किसी कंपनी या कार्य स्थल पर कोई कर्मचारी संक्रमित है तो उसे तत्काल अवकाश पर भेजा जाएगा। इम्पलॉयर इसका विरोध नहीं करेगा। ऐसे व्यक्ति को विशेष अवकाश पर भेज दिया जाएगा।
- किसी के पड़ोस, सोसायटी अथवा आसपास ऐसा कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है तो इस बात की सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। ताकि उसका समय पर इलाज कराया जा सके। ऐसा नहीं करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
- यदि घर में किसी को भी संक्रमण है तो परिवार के लोगों की जिम्मेदारी है कि वह उसको अस्पताल में भर्ती कराएं। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने का भी आदेश लिखा गया है।