BIG NEWS: नोएडा गर्भवती महिला की मौत के मामले में ईएसआई के डायरेक्टर को हटाया गया

नोएडा | 4 साल पहले | Rakesh Tyagi

Tricity Today | Suhas LY IAS



नोएडा में 5 जून की रात एक गर्भवती महिला की इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी। इस मामले में अब ईएसआई अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर अशोक सिंघल को हटा दिया गया है। अशोक सिंघल को अब दिल्ली मेडिकल से अटैच कर दिया है। उनके स्थान पर अब ईएसआई अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर बलराज भंडार को ईएसआई डायरेक्टर पद पर तैनात किया गया है। ऐसे में श्रम विभाग ने 72 घंटे में कार्रवाई करते हुए ईएसआई डायरेक्टर को हटा दिया है।

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने प्रमुख सचिव श्रम, उत्तर प्रदेश शासन एवं सचिव श्रम विभाग भारत सरकार नई दिल्ली, राजकीय कर्मचारी जीवन बीमा निगम लखनऊ को पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया था कि साइट डायरेक्टर पर कार्रवाई की जाए। पत्र लिखने के 72 घंटे के भीतर ही कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया है। सेक्टर-24 ईएसआई अस्पताल के डायरेक्टर, चिकित्सक और एंबुलेंस चालक को भी दोषी माना गया है और इनके खिलाफ श्रम मंत्रालय को लिखकर कार्रवाई की मांग की गई है।

बता दे कि 5 जून की रात खोड़ा गाजियाबाद की रहने वाली गर्भवती महिला नीलम की मौत हो गई थी वह गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 8 अस्पतालों में इलाज के लिए गई थी। कहीं भी इलाज नहीं मिला और उसने दम तोड़ दिया। यह मामला देशभर में सुर्खियों में छा गया था। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन मुनींद्र उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। दोनों अधिकारियों ने 7 जून को अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। अब मंगलवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इस मामले में आदेश और सिफारिश जारी की है।

जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर गिरी चुकी है गाज
डीएम सुहास एलवाई ने बताया कि दोनों अधिकारियों की जांच समिति ने पाया है कि मरीज यदि जिला अस्पताल में इलाज होने योग्य नहीं है तो हायर सेंटर पर उचित व्यवस्था के साथ रेफर किया जाना चाहिए था। इसके लिए जिला अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों को हायर सेंटर पर बात करके ट्रांसफर किया जाना चाहिए था। जिला अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों ने गंभीर लापरवाही बरती है। उस वक्त अस्पताल में उपस्थित कर्मचारी और डॉक्टर इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं।

डीएम ने कहा कि इस वक्त कोविड-19 महामारी का दौर चल रहा है। बड़ी संख्या में लोग तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित होकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसी शिकायतें बार-बार मिली हैं कि जिला अस्पताल से लोगों को इलाज दिए बिना वापस कर दिया जाता है। कई मामलों में ऐसी शिकायतें भी मिली है कि लोगों को सही जानकारी और रेफरेंस भी नहीं दिया गया है। 

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