Google Image | पत्रकार विक्रम जोशी
मंगलवार को गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या का मामला देशभर के पत्रकारों में रोष का सबब बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में पत्रकारों की प्रमुख सामाजिक संस्था नोएडा मीडिया क्लब ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भेजी है। जिसमें मुख्य रूप से तीन बातें लिखी गई हैं। नोएडा मीडिया क्लब की ओर से यह पत्र ईमेल के माध्यम से योगी आदित्यनाथ को भेजा गया है।
नोएडा मीडिया क्लब के महासचिव विनोद राजपूत और अध्यक्ष पंकज पाराशर की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि विक्रम जोशी की हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस हत्याकांड से जुड़े मुकदमे में पुलिस जल्दी से जल्दी चार्जशीट दाखिल करे और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। दरअसल, पत्रकार नहीं चाहते हैं कि अभियुक्तों को लचर अभियोजन के कारण फायदा मिले। वह जमानत लेकर छूट आएं। इससे विक्रम जोशी के परिवार और मुकदमे के गवाहों को नुकसान पहुंच सकता है।
संस्था की ओर से दूसरी मांग रखी गई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विक्रम जोशी के परिजनों को केवल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। यह आर्थिक सहायता बेहद कम है। इससे पूर्व के मामलों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाख रुपए की सहायता दी है। विक्रम जोशी अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले व्यक्ति थे। उनके ऊपर उनकी बेटियां और पत्नी समेत परिवार के बाकी सदस्य आश्रित हैं। इस परिवार को सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए कम से कम एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। परिवार के सदस्य को नौकरी भी दी जानी चाहिए।
नोएडा मीडिया क्लब की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में तीसरा बिंदु पुलिस की लापरवाही से जुड़ा है। संस्था के सदस्यों का मानना है कि विक्रम जोशी की ओर से एक बार नहीं तीन-तीन बार पुलिस को शिकायत दी गई थी। वह लगातार आपराधिक छवि के युवकों के खिलाफ शिकायत कर रहे थे। उनकी हत्या करने का मुख्य अभियुक्त पूर्व में भी जेल जा चुका है। वह एक अपराधी किस्म का व्यक्ति है। इसके बावजूद पुलिस ने उनकी शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि विक्रम जोशी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई है।
हत्यारों की मनः स्थिति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विक्रम जोशी के साथ उनकी छोटी और मासूम बेटियां भी थीं। उनका ख्याल भी हत्यारों ने नहीं किया है। सीसीटीवी फुटेज को देखने से साफ जाहिर होता है कि हत्यारोपी पेशेवर मुजरिम हैं, लिहाजा लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में जर्नलिस्ट विक्रम जोशी की मंगलवार की दोपहर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। उन्हें बाइक से नीचे गिराया गया। उसके बाद हत्यारों ने उन पर गोलियां दागी। जिसमें विक्रम जोशी की मौके पर ही मौत हो गई थी। विक्रम जोशी अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ करने वाले युवकों के खिलाफ पुलिस से शिकायतें कर रहे थे। पुलिस उनकी शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान नहीं ले रही थी। विक्रम जोशी की ओर से बार-बार पुलिस से की गई शिकायतों के कारण अभियुक्तों ने उनकी हत्या कर दी।