Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के बेटे सनी यादव पर उत्तर प्रदेश शासन ने बीते सोमवार को कार्यवाही कर दी है। सनी यादव को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से बर्खास्त कर दिया गया है। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 19 अफसरों पर एक्शन की बारी है, जिन्होंने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रातों-रात इंडस्ट्री की जमीन का लैंड यूज बदलकर बिल्डरों को आवंटित कर दी थी। जानकारी मिल रही है कि शासन अगले दो-तीन दिनों में 19 अफसरों पर कार्रवाई करने वाला है। विकास प्राधिकरण की ओर से जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है।
बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में 2010-11 में ग्रेटर नोएडा वेस्ट का भू-उपयोग रातोंरात बदल दिया गया था। भू-उपयोग बदलने में नियमों की अनदेखी की गई। बिल्डरों को लाभ देने के लिए यह किया गया था। इस इलाके का पहले भू-उपयोग औद्योगिक था। बाद में आवसीय करके बिल्डरों के लिए ग्रुप हाउसिंग स्कीम लांच की गई। सुपरटेक, आम्रपाली, गौड़, ऐस, स्टेलर, पटेल और अजनारा समेत करीब 50 बिल्डरों को यहां 20 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन आवंटित की गई है।
जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने मामले को सदन में उठाया था
प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई। जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने यह मामला विधानसभा में उठाया था। इस पर सदन में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया था। सरकार ने जांच कराई और इसमें दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया। शासन के आदेश पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में मामले की जांच की गई। जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि भू-उपयोग बदलने में नियम तक नहीं देखे गए। इससे मास्टर प्लान की अवहेलना की गई है।
सोमवार को यादव सिंह के बेटे सनी यादव को शासन ने बर्खास्त कर दिया है। सनी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रबंधक पद पर तैनात थे। अब शासन भू-उपयोग बदलने के मामले में कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इस मामले की जांच रिपोर्ट शासन के पास पहले ही जा चुकी है। इस मामले में 19 अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी है। बताया जाता है कि अगले दो-तीन दिनों में यह कार्रवाई हो जाएगी।
नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी, कार्रवाई लंबित
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में नियुक्तियों के मामले की जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई शुरू हो गई थी, लेकिन कुछ कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए थे। इसके बाद कार्रवाई लंबित है। बसपा और सपा के शासनकाल में नियमों को दरकिनार कर 56 लोगों को नौकरियां दी गई थीं। मामला जब जोर-शोर से उठा तो इसकी भी जांच हुई और कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। अब एक बार फिर इस मामले में भी करवाई हो सकती है।
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