Noida News : नोएडा ट्विन्स टावर को तोड़ने की कवायद काफी तेज हो गई है। आगामी 22 मई को ट्विन्स टावर तोड़े जाएंगे। इसको लेकर सोमवार को नोएडा अथॉरिटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी और अन्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। जिस दिन ट्विन्स टावर को ध्वस्त किया जाएगा, उस दिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बंद रहेगा। इस ध्वस्तीकरण के लिए 15 विभागों की एनओसी ली गई हैं।
शहर का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा बंद
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 मई को नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन्स टावर को ध्वस्त किया जाएगा। इस दिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बंद रहेगा। जिसकी वजह से इस एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। आपको बता दें कि यह शहर का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है। जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है।
टॉवर्स के 10 फ्लोर पर लगाए जाएंगे विस्फोटक पदार्थ
ऋतु महेश्वरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंजीनियरों की टीम मौजूद रही। बताया गया कि ट्विंस टावर को गिराने के लिए 10 फ्लोर पर विस्फोटक लगाए जाएंगे। इन टॉवर्स को वाटर फाउंटेन कॉलेप्स प्रक्रिया के तहत गिराया जाएगा। आपको बता दें कि अवैध रूप से बनाए गए सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को इस ध्वस्तीकरण के लिए निगरानी एजेंसी नियुक्त किया है।
22 मई को तोड़े जाएंगे दोनों अवैध टावर
रितु माहेश्वरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह पूरी प्रक्रिया चल रही है। अदालत की ओर से दिए गए आदेशों का अनुपालन करते हुए डेमोलिशन एजेंसी नियुक्त की गई है। निगरानी एजेंसी भी काम कर रही है। डिमोलिशन प्लान को नोएडा अथॉरिटी ने अप्रूवल दे दिया है। सभी जरूरी 15 एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई तक इन दोनों अवैध बिल्डिंगों को गिराने का एक्शन प्लान मंजूर किया है। लिहाजा, 22 मई को यह दोनों अवैध इमारतें ध्वस्त कर दी जाएंगी।
तोड़ने का पूरा खर्चा सुपरटेक कम्पनी वहन करेगी
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने बताया कि इन दोनों अवैध इमारतों का निर्माण सुपरटेक बिल्डर ने 50 हज़ार वर्गमीटर में किया है। इन्हें तोड़ने का पूरा खर्च कंपनी वहन करेगी।
पहले भी गिरा चुकी एजेंसी ऐसी इमारत
चयन की गई कंपनी एडिफिस अब से पहले वह साउथ अफ्रीका में इसी तरह के एक इमारत को गिरा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिस इमारत को उन्होंने गिराया था, उस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी 8 मीटर की थी और वह इमारत 108 मीटर ऊंची थी। जिसको उन्होंने कंट्रोल ब्लास्ट और वाटरफॉल वाटरफॉल के तरीके से नीचे गिराया था। इस दौरान दूसरी इमारत को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इसी तरह ट्विन टावर को भी नीचे गिराया जाएगा।
7 फरवरी दिया था आदेश
आपको बता दें कि 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ट्विन टावर ध्वस्तीकरण मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट तीन सप्ताह में पेश करें। 9 फरवरी को प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में ट्विन टावर गिराने की तारीख पर 22 मई की मुहर लगा दी गई थी। टावर तोड़ने के बाद 22 अगस्त तक मलबा हटाने का काम होगा। आपको बता दें कि लगभग 17.50 करोड़ की लागत से दोनों टावर ध्वस्त किए जाएंगे।