Noida News : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने आवासीय भूखंड योजना (Residential Plot Scheme) में ऑनलाइन बोली लगा शुरू हो गई है। ऑनलाइन बोली 16 मार्च के तक चलेगी। ये भूखंड सेक्टर- 41, 43, 44, 47, 48, 49, 51, 52, 53, 56, 61, 70, 71, 72 में हैं। इनके अलावा पहली बार नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के आसपास के सेक्टर-92, 99, 105, 108, 122 के खाली पड़े भूखंड शामिल गए हैं। इन सेक्टरों में अधिकतर भूखंड पर 20 गुना अधिक तक बोली लगाई जा रही हैं। एक ऐसे ही मामले में करीब ढाई करोड़ का भूखंड पाने के लिए लोगों ने 50 करोड़ रुपए तक की बोली लगाई। लोगों ने बोली की प्रक्रिया में गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए सोशल मीडिया पर शिकायत की है।
ट्विटर पर शिकायत
ट्विटर के जरिए प्रिंस कुमार तिवारी ने शिकायत की है कि ऑनलाइन बोली में भारी गड़बड़ी हो रही है। ढाई करोड़ के भूखंड की बोली 50 करोड़ पार कर गई है। एक अन्य मामले में 2 करोड़ 26 लाख के भूखंड की बोली 37 करोड़ तक पहुंच गई। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कुछ मामलों में उम्मीद से अधिक बोली लोगों ने लगाई है। यह अप्रत्याशित है। ऊंची बोली लगाने वालों को आवंटन पत्र जारी किया जाएगा। अगर वह पैसा जमा नहीं करते हैं तो उनकी पंजीकरण राशि जब्त कर ली जाएगी। ऑनलाइन बोली प्रक्रिया पूरी तरह से ठीक चल रही है।
11 मार्च से 6 मार्च तक चलेगी ऑनलाइन बोली
25 जनवरी 2024 को नोएडा प्राधिकरण 376 आवासीय भूखंडों की योजना लेकर आया था, जिसमें आवेदन करने की आखिरी तारीख 14 फरवरी थी। इसमें एसबीआई बैंक के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना था। अब इन भूखंडों का आवंटन करने के लिए प्राधिकरण ने 11 मार्च से ऑनलाइन बोली प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह प्रक्रिया 16 मार्च तक चलेगी। अब भूखंडों की बोली प्रक्रिया शुरू हुए दो दिन का समय हो चुका है। दो दिन में करीब 135 भूखंड के बोली की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन दो दिनों के दौरान लोगों ने भूखंड पाने के लिए अप्रत्याशित बोली लगाई है।
आवंटन के बाद 25 प्रतिशत राशि देनी होगी
भूखंड पाने के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाला शख्स अगर मैदान में रहता है तो उसे प्राधिकरण की तरफ से आवंटन पत्र जारी होने के बाद एक सप्ताह के अंदर 25 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी। अगर वह भूखंड लेने से पीछे हटता है है तो उसकी जमा पांच प्रतिशत राशि को प्राधिकरण जब्त कर लेगा। यह राशि कुल भूखंड की कीमत का पांच प्रतिशत होता है। अधिकारियों ने बताया कि ऐसी स्थिति में दूसरे नंबर पर ऊंची बोली लगाने वाले को यह भूखंड नहीं मिलेगा। इस भूखंड को दोबारा से योजना में लाया जाएगा।