Noida News : आज कार्तिक शुक्ल षष्ठी को यमुना, हिंडन, गोल्फसिटी सेक्टर-75 स्थित छठ घाट सहित नोएडा के लगभग दो सौ छठ घाटों पर लाखों छठव्रतियों और भगवान सूर्य के भक्तों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया। दिन में छठव्रतियों ने गेहूं, घी और शक्कर का ठेकुआ, चावल, घी और शक्कर का लड्डू प्रसाद के लिए बनाया। बांस के बने सूप, डाला, दौरा,टोकरी में सभी प्रकार का प्रसाद रखा गया। प्रसाद के रूप में सेब, केला, नारंगी, अमरूद, डाभ,नाशपाती, नींबू सहित सभी प्रकार का फल, ईंख, पानी में फलने वाला सिंघाड़ा, मूली, सुथनी, अदरख, हल्दी, कच्चा नारियल, चीनी का बना सांचा, घर में बना ठेकुआ, लड्डू, कच्चा धागे का बना बद्धी, सिंदूर, अगरबत्ती आदि रखा गया।
कैसे होती है पूजा
सायंकाल सूर्यास्त से पूर्व छठव्रती और उनके परिवार के सदस्य सिर पर प्रसाद सहित सूप, डाला, दौरा, टोकरी लेकर घर से निकलकर छठघाट पर पहुंचे। कई छठव्रती घर से घाटों तक कष्टी देते पहुंचे। यमुना, हिंडन सहित विभिन्न सेक्टरों व गावों में बने तालाब, कृत्रिम तालाब, तरणताल आदि छठघाट के रूप में प्रयोग में लाया गया। सूर्यास्त से पूर्व हाथ में प्रसाद रखा हुआ सूप, डाला, दौरा,टोकरी लेकर छठव्रतियों ने छठघाट में प्रवेश किया और भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। उनके साथ परिवार के सदस्यों व सभी श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को जल द्वारा अर्घ्य प्रदान किया। पूरे देश में मनाया जा रहा है छठ का त्योहार
नोएडा के सेक्टर-75 सहित विभिन्न सेक्टरों के छठघाटों पर छठव्रतियों व उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा और अखिल भारतीय प्रवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा ने सभी को भगवान सूर्य और आरोग्य की देवी छठी मईया की उपासना के महान लोकपर्व छठ की शुभकामनाएं दीं। उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि छठपूजा करने से छठव्रतियों और उनके परिवार के सदस्यों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार से सटे हुए पश्चिम बंगाल के कई जिलों, हिंदुस्तान और दुनिया के सभी शहरों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। दुनिया के कई देशों में होता है छठ पर्व
सूर्य उपासना का यह महापर्व भारत के अलावा नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, वेस्टइंडीज, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा आदि देशों में छठपर्व हर्षोल्लास और पारम्परिक तरीके से मनाया जाता है। यह भगवान सूर्य की उपासना और भक्ति का महान लोकपर्व है।दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित एनसीआर के शहरों में लाखों श्रद्धालु इस महान पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। नदी, तालाब, जल में प्रवेश कर भगवान सूर्य की पूजा कर प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। यह पर्व परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ इकट्ठा कर सामाजिक एकता का संदेश देता है। हिन्दू, मुस्लिम सहित सभी जातियों के लोग इस महान पर्व को मनाते हैं। यह पर्व साम्प्रदायिक व सामाजिक एकता व भाईचारे का महापर्व है।
मशहूर कलाकारों ने समां बांधा
आज सेक्टर-75 स्थित सेंट्रल पार्क में श्री सूर्यदेव पूजा समिति नोएडा के तत्वावधान में श्री छठ पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें एसडी सिंह, पूनम पांडे, वीरेंद्र भारती, सुनीता वर्मा सहित कई प्रख्यात कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया गया। गायक एवं गायिकाओं द्वारा हिन्दी, भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका, पंजाबी सहित विभिन्न लोकभाषाओं में गीत संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। महोत्सव में सांसद डॉ. महेश शर्मा उपस्थित रहे। उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने छठ पूजा की शुभकामना दीं।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा, संयोजक ओपी तिवारी, महासचिव राजीव त्यागी, कोषाध्यक्ष प्रभात राय, बसंत उपाध्याय, उपाध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर, मलिकेश्वर झा, जयदीप चौधरी, मनीष झा, अनमोल सिंह, संतोष कुमार, राजीव मिश्रा, अमरीश श्रीवास्तव, जीतेश कुमार, ज्ञानेश मिश्रा, एसपी शर्मा, सुनील अग्रवाल, चंदन झा, नितिन गुप्ता, विनोद कुमार, माधुरेंद्र सिंह, अतुल जैन, प्रभात चंदन सहित हजारों लोग महोत्सव में सम्मिलित हुए।
ऐसे होगा पूजा और व्रत का समापन
मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि कल कार्तिक शुक्ल सप्तमी को प्रातःकाल उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। सूर्योदय से पूर्व छठव्रती और सिर पर प्रसाद से भरा सूप, डाला और दौरा लेकर परिवार के सदस्य और श्रद्धालु घर से चलकर छठघाट पर आयेंगे। घाट में प्रवेश कर और हाथ में प्रसाद से भरा सूप, डाला, दौरा, टोकरी आदि लेकर छठव्रती उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करेंगे। उनके परिवार के सदस्य और अन्य श्रद्धालु गौदूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। अर्घ्य अर्पित करने के उपरांत छठव्रती छठघाट पर बने सूर्यपिंड (श्रीसोप्ता) के निकट बैठकर भगवान भास्कर और छठमाता की पूजा-अर्चना करेंगे। पूजा के उपरांत छठव्रतियों द्वारा पारण किया जायेगा। छठव्रतियों द्वारा प्रसाद ग्रहण करने के बाद घर के सभी सदस्य, पड़ोसी और अन्य लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही चार दिवसीय छठपूजा का समापन हो जायेगा।