NOIDA BREAKING: फोनरवा चुनाव में 98% से ज्यादा वोट पड़े, मतगणना जारी, दोनों पैनल के बीच कड़ी टक्कर

नोएडा | 3 साल पहले |

Tricity Today | फोनरवा के दोनों अध्यक्ष पद के उम्मीदवार (योगेंद्र शर्मा और एनपी सिंह)



Noida: फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (Federation of Noida Residents Welfare Association - FONRWA) के चुनाव में मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुल 220 में से 216 मतदाताओं ने मतदान किया है। मतलब, 98.18% प्रतिशत वोटिंग हुई है। निर्धारित वक्त में 4 आरडब्ल्यू अध्यक्ष और महासचिव वोट देने नहीं पहुंचे। अब वोटों की गिनती की जा रही है। शाम 5:30 बजे तक मतगणना पूरी कर ली जाएगी। हालांकि, तय वक्त के मुताबिक शाम 6:00 बजे तक परिणाम घोषित किए जाएंगे। 

अब तक के रुझानों के मुताबिक एनपी सिंह और योगेंद्र शर्मा पैनल के बीच कड़ा मुकाबला है। योगेंद्र शर्मा फोनरवा के वर्तमान अध्यक्ष हैं। जबकि एनपी सिंह लंबे अरसे तक इसके अध्यक्ष पद पर काबिज रह चुके हैं। एनपी सिंह ने घोषणा की थी कि वह 2023 में चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह उनका आखिरी चुनाव है। इस वजह से पहले दिन से ही दोनों पैनल के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। इस बार का चुनाव मुख्य चुनाव अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल शशि वैद्य, असीम ठाकुर्ता, डीके खरबंदा, वीएस नगरकोटी और एमएम शर्मा की देखरेख में संपन्न हो रहा है।

गिनती जारी है
मुख्य चुनाव अधिकारी रिटॉयर्ड कर्नल शशि वैद्य ने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक सुबह 9:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक मतदान कराया गया। दोपहर 2:30 से मतगणना शुरू हो गई है। यह गिनती पूरी होने तक जारी रहेगी। उसके बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। फोनरवा कार्यालय से सटे सेक्टर-52 में स्थित कम्युनिटी सेंटर पर मतगणना हो रही है। पारदर्शिता बरतने के लिए मतदान-मतगणना की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि अगर मतगणना में 2 उम्मीदवारों के मत बराबर निकलेंगे तो जीत का निर्णय सिक्का उछाल कर किया जाएगा। 

बैलेट पेपर पर हुआ चुनाव
इस बार फोनरवा के चुनाव एक ही बैलेट पेपर पर हुआ। दोनों पैनल के 21-21 प्रत्याशियों के नाम अलग-अलग कॉलम में अंकित हैं। इससे मतदाताओं को सुविधा मिली। साथ ही मतगणना में भी आसानी हो रही है। इससे पहले 9 पदों के लिए 9 बैलट पेपर होते थे। इससे मतदान और मतगणना दोनों में वक्त ज्यादा लगता था। मुख्य चुनाव अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल शशि वैद्य ने बताया कि इस बार 4 बूथ बनाए गए थे। इससे पहले तीन बूथ बनाए जाते थे। एक ज्यादा बूथ होने से मतदान जल्दी संपन्न हो गया। इससे कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने में आसानी हुई।

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