गौतमबुद्ध नगर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कारोबार को 10 हजार करोड़ की चपत, पिछले साल के मुकाबले दोगुना घाटा, पढ़ें रिपोर्ट

नोएडा | 3 साल पहले |

Google Image | दूसरी लहर में कारोबार को 10 हजार करोड़ की चपत



कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का असर ज्यादा खतरनाक रहा है। न सिर्फ मौतों के हिसाब से, बल्कि आर्थिक नुकसान के नजरिए से भी दूसरी लहर ने देश की कमर तोड़ दी है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी गौतमबुद्ध नगर में कारोबारियों को पिछले साल के मुकाबले तकरीबन दोगुने का नुकसान हुआ है। तीसरी लहर की आशंका के बीच इस नुकसान की भरपाई भी बेहद मुश्किल लग रही है। कोरोना वायरस की वजह से खरीदारी के पैटर्न में भी बदलाव आया है। अब ई-कॉमर्स और ऑनलाइन खरीदारी को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। इसकी वजह से थोक और खुदरा व्यापारियों को घाटा उठाना पड़ रहा है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders - CAIT) की गौतमबुद्ध नगर चैप्टर ने राज्य सरकार को महत्वपूर्ण जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि इस साल मार्च से जून, 2021 तक जिले में व्यापारियों को करीब 10,000 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है। जबकि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में मार्च 2020 से जून 2020 तक जनपद के व्यवसायियों को करीब 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। मतलब इस साल करीब दोगुना घाटा होने का अनुमान है।
 
दो साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया
हालांकि CAIT ने इस राजस्व हानि के दोगुने होने की वजहों को भी रेखांकित किया है। इसमें कहा गया है कि सिर्फ लॉकडाउन के चलते कारोबार पर संकट नहीं है। कोरोना की वजह से लोगों की नौकरियां छूटी हैं। ज्यादातर कंपनियों ने कर्मियों के वेतन में कटौती की है। महामारी के कारण खरीदारी के पैटर्न में बदलाव आया है। लोग ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले 2 सालों में निवासियों की आय में कमी हुई है। गौतमबुद्ध नगर सेक्टर-18 मार्केट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और CAIT के संयोजक सुशील जैन ने कहा, “हमने कोरोना काल के दो वर्षों के दौरान का जिले भर के व्यापारियों के आंकड़ों की रिपोर्ट बनाई। उसके आधार पर एक अनुमान लगाया। इससे पता चलता है कि इस साल घाटा पिछले साल की तुलना में दोगुना हो गया है। इस डेटा में खुदरा विक्रेता और थोक व्यापारी दोनों शामिल हैं।


लोगों की प्राथमिकताएं बदल गईं
उन्होंने बताया, “मुख्य रूप से इसका कारण यह है कि पिछले साल लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण सीधे डिलीवरी में समस्या थी। हालांकि लोग किसी तरह होम डिलीवरी के माध्यम से खरीदारी कर रहे थे। इस साल, अधिकांश खरीदारी ऑनलाइन होने लगी है। इससे पारंपरिक, खुदरा और थोक व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। क्योंकि लोगों ने कुछ क्षेत्रों में खर्च करना बिल्कुल बंद कर दिया है।” 

10 हजार व्यापारी हैं
सुशील जैन ने आगे बताया, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल मिलाकर 10,000 से अधिक खुदरा और थोक व्यापारी हैं। जिले में सेक्टर-18 अट्टा मार्केट यहां की बाजारों का हब है। जनपद में छोटे-बड़े कुल 200 बाजार हैं। कोरोना महामारी से पहले गौतमबुद्ध नगर ट्रेड एसोशिएसन का वार्षिक कारोबार लगभग 15,000 करोड़ रुपये का था।” मगर मार्च से उफान पर आए कोविड संक्रमण की सेकेंड वेव के चलते लॉकडाउन से कारोबार चौपट हो गया। बाजारों में लोग आते हैं, मगर खरीदारी के नाम पर ज्यादा बजट खर्च नहीं करते। इस वजह से ज्यातार बाजारों में उदासी है। 

कुछ खास कैटेगरी के कारोबारियों को ज्यादा नुकसान
उन्होंने आगे कहा, “कम खरीदारी की वजह से जूते, परिधान और सामान जैसे व्यवसायों के लिए बाजार में कुछ नहीं है। इसीलिए तमाम कारोबारी अपना व्यवसाय बदल रहे हैं। कम आय की वजह से लोगों ने अपनी प्राथमिकता बदल दी है। ज्यादातर लोग सिर्फ जरूरी चीजों पर ही खर्च कर रहे हैं। बाजार वर्तमान में उपभोक्ता पैटर्न में एक बड़े सुधार के दौर से गुजर रहा है। ”जैन ने कहा। व्यापारियों का कहना है कि इस नुकसान से भरपाई बहुत मुश्किल होगी। लेकिन एक संगठन के स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से मदद कर कारोबारियों को कुछ राहत दी जा सकती है।

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