नोएडा पुलिस की मुहीम : साइबर अपराध से बचने के लिए किया जा रहा जागरूक, जानिए क्या दिए गए सुझाव

नोएडा | 5 दिन पहले | Sachin Ahlawat

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Noida News : पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में और पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम प्रीति यादव के पर्यवेक्षण में लोगों को साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से धोखाधड़ी करते हैं, जैसे फर्जी कॉल्स, फर्जी वेबसाइट्स, और ओटीपी धोखाधड़ी। इनसे बचने के लिए व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए। साइबर से सम्बन्धित किसी समस्या के लिये साइबर क्राइम हेल्पलाईन नम्बर-1930, साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकतें है। साइबर अपराध से बचाने के लिए नोएडा पुलिस ने कुछ सुझाव जारी किए है।

1. केवाईसी अपडेट फ्रॉड- 
यदि आपके पास कोई व्यक्ति अपने को किसी बैंक या टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बनकर फोन करता है और आपका केवाईसी अपडेट करने के लिए कहता है तो उसके बताए अनुसार कोई भी प्रक्रिया फॉलो ना करें। आप इस संबंध में बैंक से या संबंधित मोबाइल कंपनियों के स्टोर पर जाकर संपर्क करें।

2. लिंक ओटीपी फ्रॉड-
यदि आपके पास ईमेल से या सोशल मीडिया के किसी प्लेटफार्म से कोई किसी अनजान व्यक्ति द्वारा कोई लिंक भेजा जाता है या किसी वस्तु को परचेज करने के लिए या किसी संस्था में रजिस्ट्रेशन कराए जाने के लिए कोई लिंक या ओटीपी आता है तो ऐसे अनजान लिंक को क्लिक न करें एवं ओटीपी शेयर ना करें। किसी भी प्रकार की अनजान APK फाइल को ना खोले।
 
3. सेक्सटारसन- 
किसी अनजान व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले वीडियो कॉल को रिसीव ना करें। साथ ही किसी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्ती ना करें, ना ही उनके फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करें और ना ही अपने व्यक्तिगत फोटो, वीडियो असुरक्षित प्लेटफार्म पर शेयर करें। साइबर अपराधी आपकी निजी जानकारी को इस्तेमाल करके अनावश्यक धन की मांग की जा सकती है। जिससे आप सेक्सटारसन के शिकार हो सकते हैं।
 
4. डिजिटल अरेस्ट- 
यदि आपके पास कोई व्यक्ति स्वयं को सीबीआई अधिकारी, पुलिस का अधिकारी, नॉरकोटिक्स विभाग का अधिकारी, इनकम टैक्स का अधिकारी बनकर कॉल करता है। उसके बाद आपको स्काइप या जूम ऐप डाउनलोड करा कर वीडियो कॉल करने के लिए कहता है और आपका आईडी अवैध मादक पदार्थ के विक्रय में हवाला जैसे कारोबार, money laaundering, smuggling, fake import export में संलिप्त पाए जाने की बात कह कर डराता है और आपके विरुद्ध हुई एफआईआर दिखाता है या सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाता है या कोर्ट सुनवाई करवाता है। तो यह व्यक्ति साइबर अपराधी है आपको डरना या भयभीत नहीं होना है। इसकी तुरंत शिकायत अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन य साइबर पुलिस स्टेशन में करनी है। साइबर अपराधी के कहने पर किसी भी खाते में कोई भी धनराशि ट्रांसफर नहीं करनी है। 

5. इन्वेस्टमेंट फ्रॉड- 
यदि आपके पास टेलीग्राम के माध्यम से या सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म के माध्यम से कम समय में इन्वेस्टमेंट करके शेयर मार्केट में अधिक पैसा कमाने का कोई ऑफर आता है, तो आप समझ जाइए की साइबर अपराधी आपको अपने जाल में फंसा रहे है। आप ऐसे किसी भी शेयर मार्केट या ट्रेडिंग के प्लेटफार्म पर इन्वेस्टमेंट ना करें। ऐसे अनजान शेयर मार्केट पर इन्वेस्टमेंट करने से आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं। इनवेस्टमेंट कर जल्दी मुनाफा, IPO का बार-बार निकालना, गलत ट्रैडिंग सलाह पर विश्वास ना करे। 

6. ओएलएक्स फ्रॉड- 
ओएलएक्स प्लेटफार्म पर किसी भी वस्तु को क्रय करने एवं विक्रय करने के लिए बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है। साइबर अपराधी ओएलएक्स प्लेटफार्म पर किसी वस्तु का विक्रय करने का ऐड डालकर बड़ी चालाकी से आपसे पैसे अपने अकाउंट में डलवा लेते हैं और वह वस्तु आपको डिलीवर नहीं करते हैं। आरोपी आपको लिंक भेजकर आपके फोन का डाटा चुराकर साइबर ठगी करते है। इसलिए ओएलएक्स पर क्रय विक्रय की जाने वाली वस्तु के संबंध में गहराई से जांच लें एवं जब तक आपको वस्तु की डिलीवरी आपके दिए पते पर ना हो जाए तब तक पैसे का पेमेंट ना करें।

7. गेमिंग फ्रॉड- 
आजकल साइबर अपराधी नवयुवकों व कम समय में अधिक लाभ कमाने वाले व्यक्तियों को गेमिंग एप के माध्यम से ठग रहे है। वह पहले लिंक भेजकर या मैसेज भेजकर ऐप डाउनलोड कराते हैं। फिर उसमें चयन प्रक्रिया से अन्य साथियों को जोड़कर रजिस्ट्रेशन के नाम पर इन्वेस्टमेंट करके गेमिंग की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर आपसे शुरू में पैसे इन्वेस्ट कराएंगे। बाद में वह एंप बंद करके आपके साथ धोखाधड़ी करते है। साथ ही साथ व्यक्ति से धोखाधड़ी करके उसकी धनराशि आपके खाते में और आपसे धोखाधड़ी करके धनराशि दूसरे के खाते में भेजते हैं। जिससे आपको साइबर अपराध की कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है। इसलिए गेमिंग एप के माध्यम से पैसा कमाने वाले लुभाने ऑफर, लिंक से सदैव बचकर रहे।

8. कस्टमर केयर अधिकारी- 
यदि आपको किसी भी संस्थान या किसी भी मार्केटिंग ऐप से संबंधित अपनी समस्या, शिकायत संबंधित कस्टमर केयर अधिकारी को दर्ज करानी है। तो उस संस्था की वास्तविक वेबसाइट या टोल फ्री नंबर का ही चयन करें। गूगल के माध्यम से किसी भी संस्था, किसी भी ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के कस्टमर केयर अधिकारी का फोन चयन न करें। इससे आपका संपर्क साइबर अपराधियों से हो जाएगा और वह कस्टमर केयर अधिकारी बनकर आपसे आपकी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर आपके साथ साइबर ठगी कर सकते है।

9. आसान लोन- 
वर्तमान समय में इंस्टेंट लोन, बिना वेरीफिकेशन लोन के नाम पर आपके मोबाइल पर अक्सर मैसेज, लिंक आते हैं। जिस पर आप अपना समस्त डाटा शेयर कर देते हैं साइबर अपराधी पहले आपके खाते में लोन के नाम पर कुछ पैसा भेजते हैं। बाद में उस पर अधिक से अधिक ब्याज लगाकर आप से धन वसूली करते हैं। फिर आपको परेशान करते हैं आपके पास धमकी भरे फोन कॉल आते हैं। इसलिए इस तरह से मोबाइल में आने वाले इंस्टेंट लोन, आसान लोन जैसे लुभावने ऑफर की ओर आकर्षित न हो और कोई डाटा शेयर ना करें।

10. ई-कॉमर्स बोनस- 
वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति ऑनलाइन परचेसिंग करता है। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर आपके पास मैसेज करते हैं कि आपने ऑनलाइन बहुत अच्छा खरीदारी की है जिसके लिए कंपनी आपको बोनस दे रही है। इस तरह से जाल में फंसा कर वह किसी वस्तु को कम दाम में खरीदने को लेकर या बोनस की धनराशि आपके खाते में भेजे जाने के नाम पर आपका व्यक्तिगत डाटा प्राप्त करते हैं। उसके बाद आपके साथ धोखाधड़ी करते हैं। इस प्रकार ई-कॉमर्स कंपनियों से प्राप्त होने वाले बोनस के नाम पर आने वाली किसी कॉल किसी मैसेज किसी लिंक पर विश्वास ना करें।

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