नोएडा में अब तक की सबसे बड़ी चोरी और उसके पर्दाफाश के मामले में पुलिस अब एक्टिव हो गई है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT) को अब तक की सारी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। इस केस को सुलझाने के लिए नोएडा पुलिस ने बड़ी योजना बनाई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। पुलिस उस व्यक्ति की तलाश में भी जुट गई है, जिसके फ्लैट से रुपये एवं सोना की चोरी हुई है।
कई टीमें गठित हुईं
पुलिस का मानना है कि चोरी की गई करोड़ों की संपत्ति व सोना काला धन है, इसलिए घर और संपत्ति के मालिक ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया। नोएडा के अपर पुलिस आयुक्त, कानून-व्यवस्था लव कुमार ने बताया कि चोरों से कुछ अहम सुराग मिले हैं। उसके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार बदमाशों ने बताया है कि करोड़ों की नगदी व सोना वाला फ्लैट राममणि पांडे व किसलय पांडे नामक पिता-पुत्र का है। इसके आधार पर कालाधन चोरी करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी तथा कालाधन रखने वालों की तलाश के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।
करीबी ने खोला राज
अब तक की जांच के दौरान पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। उन्होंने बताया कि पांडे परिवार के एक नजदीकी को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उक्त करीबी ने खुलासा किया है कि पांडे परिवार का नोएडा के विभिन्न सोसायटियों में 25 से ज्यादा फ्लैट हैं। परिवार की करोड़ों की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी है। पुलिस को पूछताछ के दौरान पता चला है कि पांडे परिवार एक मीडिया पोर्टल भी चलाता है। इस पर ये लोग विभिन्न कंपनियों के खिलाफ खबर चलाते हैं। बाद में अदालतों में जनहित याचिका डालकर कंपनियों से अवैध उगाही करते हैं।
कई राज्यों में दर्ज हैं मुकदमें
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि इंडिया बुल कंपनी के साथ चल रहे मुकदमे में राममणि पांडे को गुड़गांव पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 11 महीने तक वह जेल में रहे। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अपना मीडिया पोर्टल शुरू किया। छानबीन में पता चला है कि किसलय पांडे तथा उसके पिता के खिलाफ आगरा के हरी पर्वत थाना में कुछ वकीलों ने वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज कराया है। पांडे पिता-पुत्र के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, सहित कई जगहों पर मुकदमे दर्ज हैं।