बड़ी खबर : ई-पासपोर्ट के जरिए उड़ान भरेंगे यात्री, जानिए किन देशों में है यह सुविधा

नोएडा | 3 साल पहले | Rupal Rathi

Google Image | बजट में केंद्र सरकार ने ई-पासपोर्ट की योजना को शामिल किया



Noida News : एक बार फिर 7 साल के बाद सालाना बजट में केंद्र सरकार ने ई-पासपोर्ट की योजना को शामिल किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया। जिसमें सरकार ने अपने दूसरे कार्यों के अंदर ही ई-पासपोर्ट की योजना को इसी वर्ष शुरू किए जाने की बात कही है। अब से 7 साल पहले 2015 के बजट में भी ई-पासपोर्ट की योजना को शामिल किया गया था। उस समय इस योजना को तेजी से शुरू किया गया था। लेकिन कुछ समय के बाद योजना सुस्त पड़ गई, जिसके बाद इसका कार्य रोक दिया गया। 

2017 में बने थे 20 हजार ई-पासपोर्ट 
अभी कुछ समय पहले विदेश राज्यमंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार जल्द भारत में चिप वाले ई-पासपोर्ट पर दोबारा कार्य शुरू करेगी। 7 साल पहले 2015 में जब इस योजना को शुरू किया गया था, तो उस दौरान 2017 में ट्रायल बेस पर करीब 20 हजार डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी किए गए थे। फिर एकदम से ही यह योजना ढीली पड़ गई और इसका कार्य रोक दिया गया। 

यह बड़ी वजह थी ई-पासपोर्ट के कार्य के रोकने की 
ई-पासपोर्ट के कार्य रोकने के पीछे यह वजह थी कि पासपोर्ट में चुप लगाने का कार्य जमैका की एक निजी कंपनी को दिया गया था यह कंपनी मल्टीनेशनल बैंकों के एटीएम में चिप लगाती है बाद में पता चला कि जमैका की इस कंपनी के अंदर बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक कार्य करते हैं इस बात की जानकारी मिलते ही सुरक्षा कारणों को देखते हुए सरकार ने कंपनी से एयरपोर्ट में चिप लगाने का करार खत्म कर दिया था। 

चिप के अंदर होगी यात्री की सारी जानकारी 
ई-पासपोर्ट के अंदर लगी हुई चिप में आपकी सारी जानकारी होगी। इसके लिए बायोमैट्रिक डाटा और डिजिटल लाइन चिप में स्टोर किया जाएगा। एयरपोर्ट सिस्टम में यात्रा के समय यात्री की सारी डिटेल दिखाई देगी। अगर कोई पासपोर्ट में लगी चिप के साथ छेड़खानी करता है तो तुरंत ही उसका संकेत पासपोर्ट सेवा सिस्टम को मिल जाएगा। जिसके बाद पासपोर्ट ऑथेंटिकेशन पूरी नहीं हो पाएगी। विदेश में मौजूद देश की सभी एजेंसियों को  पासपोर्ट से जोड़ा जाएगा फिलहाल पहले ही ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय एजेंसियों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जा चुका है। 

क्या है ई-पासपोर्ट 
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट चिप इनेबल्ड पासपोर्ट होगा। जिसमें यात्रियों का सहारा बायोमैट्रिक डाटा होगा। इस पासपोर्ट में रेडियो फ्रिकवेंसी के जरिए डाटा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि यह पूरी तरह सुरक्षित होगा। यही ई-पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माननीय होगा। फिलहाल, ई-पासपोर्ट भारत से पहले अमेरिका, जर्मनी, इटली, जापान, हांगकांग, यूरोपीय देश इंडोनेशिया के अलावा लगभग 86 देशों में लागू किया जा चुका है।

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