गौतमबुद्ध नगर से बड़ी खबर : हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में शुरू होंगी रजिस्ट्री, जिला प्रशासन ने मांगा शासन से सुझाव

नोएडा | 2 महीना पहले | Mayank Tawer

Google Photo | प्रतीकात्मक फोटो



Noida News : हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में कृषि जमीन की रजिस्ट्री को लेकर नई दिशा-निर्देश तैयार करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर सुझाव मांगा है। इस कदम के पीछे मुख्य कारण हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश हैं, जिसमें कृषि जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) की बाध्यता को समाप्त करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, यह आदेश अभी तक निबंधन विभाग में लागू नहीं किया गया है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में स्पष्टता की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक
डूब क्षेत्र में वर्ष 2020 से संपत्ति की रजिस्ट्री पर रोक लगी हुई थी। इस रोक के पीछे मुख्य उद्देश्य डूब क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को रोकना था। जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहे। वर्तमान में डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री कराने के लिए एडीएम की अध्यक्षता में गठित एक विशेष कमेटी से एनओसी लेना अनिवार्य है। इस व्यवस्था को जुलाई 2024 में लागू किया गया था और तब से अब तक चार एनओसी जारी की जा चुकी हैं।

उच्च न्यायालय के आदेश और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हाल ही में रजिस्ट्री कराने में आ रही समस्याओं को लेकर कई लोगों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने करीब दस दिन पहले एक महत्वपूर्ण आदेश में डूब क्षेत्र में कृषि जमीन की रजिस्ट्री के लिए एनओसी की बाध्यता को समाप्त कर दिया। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन में खलबली मच गई और बीते शुक्रवार को इस मुद्दे पर जिला अधिकारियों की एक अहम बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए शासन से स्पष्ट निर्देश और सुझाव प्राप्त किए जाएं। इस संदर्भ में शासन को एक पत्र लिखकर भेज दिया गया है।

हिंडन और यमुना डूब क्षेत्र में अवैध निर्माणों का संकट
डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण एक गंभीर समस्या बन गई है। हिंडन नदी के तलहटी तक लोगों ने अवैध मकान बना लिए हैं, जबकि यमुना क्षेत्र में फार्म हाउसों का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस स्थिति ने नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस क्षेत्र में अवैध निर्माणों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के सहयोग से इन निर्माणों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया
हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों ने न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन के सामने भी गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। डूब क्षेत्र में कृषि जमीन की रजिस्ट्री को लेकर उच्च न्यायालय का आदेश और प्रशासन का इस पर प्रतिक्रिया यह दोनों ही कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। यदि सही ढंग से लागू किया गया तो यह न केवल अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने में सहायक होगा, बल्कि क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा।

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