BIG BREAKING : रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर नोएडा पुलिस का कड़ा एक्शन, NSA लगाया, यूपी में पहला मामला

नोएडा | 3 साल पहले |

Tricity Today | रचित घई



गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले एक अभियुक्त के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई की है। यह पहला मामला है, जब यूपी में इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले किसी अभियुक्त पर एनएसए के तहत कार्यवाही हुई है। दरअसल अभियुक्त ने जिन इंजेक्शन को जरूरतमंदों को ऊंचे दाम में बेचा था, वो नकली भी पाए गए। थाना सेक्टर-20 पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बीते 21 अप्रैल को इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए नोएडा के सेक्टर-168 में रहने वाले रचित घई पुत्र अश्विन घई को गिरफ्तार किया था।

गंभीर धाराओं में दर्ज है मुकदमा
पूछताछ में पता चला कि वह महामारी की आपदा को अवसर बनाने में जुटा था। निर्धारित कीमतों से कई गुना अधिक दरों पर इंजेक्शन जरूरतमंदों को बेचता था। सेक्टर-20 थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 275, 276, 420, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 96 तथा महामारी अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया था। पुलिस ने सभी बरामद इंजेक्शन को जांच के लिए लैब में भेजा था। जहां रेमेडेसिविर की 96 वायल में से 93 नकली मिलीं। इन नकली वायल की कीमत करीब 5 लाख रुपये बताई गई।

डीएम सुहास एलवाई ने दी मंजूरी
गौतमबुद्ध नगर पुलिस का कहना है कि आरोपी रचित घई शातिर किस्म का अपराधी है। इसने कोरोना महामारी के दौरान पीड़ितों को धोखा देकर नकली इंजेक्शन दिया। इसने जानबूझ कर लोगों की जान खतरे में डाली। वह न्यायालय से जमानत लेने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। लेकिन गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से उसे जमानत नहीं मिली। आज 3 जून को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने आरोपी के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। रचित मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला है। उससे पुलिस और क्राइम ब्रांच ने 105 रेमेडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए थे । 

सिर्फ बंग्लादेशी कंपनी के दो वायल सही मिले
रचित घई से बरामद रेमेडेसिविर की लैब जांच में सिर्फ बंग्लादेशी कंपनी के दो वायल सही मिले। जबकि एक अन्य कंपनी की वायल एक्सपायर होने के कारण जांच के लिए नहीं भेजी गई। औषधि विभाग को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच रिपोर्ट प्रयोगशाला से 24 मई को प्राप्त हुई। औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि 21 अप्रैल को औषधि विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से रचित को तीन अलग-अलग कंपनियों के रेमडेसिविर की 105 वायल के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपित रेमडेसिविर इंजेक्शन हरियाणा से नोएडा होते हुए दिल्ली लेकर जा रहा था। इन सभी वायल को औषधि विभाग ने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा। 

93 वायल नकली मिली
औषधि विभाग ने 96 जांच के लिए लैब में भेजा। 96 वायल में से 93 हेट्रो कंपनी की थी। ये सभी जांच में नकली मिली हैं। इसमें रेमडेसिविर का साल्ट नहीं मिला। दो वायल बंग्लादेशी कंपनी इनसेप्टा के थे। जोकि जांच में सही पाए गए हैं। जबकि एक वायल मायलोन कंपनी का था। यह पहले से ही एक्सपायर था। जिसके चलते वायल को जांच के लिए नहीं भेजा गया। औषधि विभाग ने रेमडेसिविर इंजेक्शन नकली मिलने के बाद दवा कंपनी को नोटिस देकर कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में हरेक पहलू की जांच की जाएगी। दवा के उपयोग की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि कंपनी से जवाब मिलने के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी।

 

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