बिहार में अटकीं सांसें : दो तारीख, इन फैसलों पर नजर, INDIA को संजीवनी या बीजेपी को झटका

Tricity Today | India Alliance



Noida News : देश आज चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। आज लगभग दो माह बाद 18वीं लोकसभा के लिए देशवासी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर नई सरकार के गठन में अपना योगदान देंगे। किन्तु, रोजाना राजनीतिक जोड़तोड़ और उच्चतम न्यायालय के फैसले, देश की राजनीति की दिशा देने वाले सिद्ध होंगे। जो दस सालों से देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी गठबंधन एनडीए के लिए खतरे की घंटी से कम साबित नहीं होने वाले हैं। यह कांग्रेस और सहयोगी गठबंधन इंडिया एलायंस के लिए भी किसी संजीविनी से कम नहीं होंगे, जो गठबंधन के घटक दलों में नई जान फूंकने का काम करेंगे।

5 फरवरी : दो फैसले
सोमवार पांच फरवरी का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिहाज से सुकून भरा दिन रहा। बीते सोमवार को दो बड़े घटनाक्रम घटित हुए। पहला सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन टेरिटरी चंड़ीगढ़ में संपन्न मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में हुई धांधली को लेकर पठासीन अधिकारी पर तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विकृत किया।" सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने विवादास्पद चुनाव का वीडियो देखने के बाद टिप्पणी की, "क्या वह इस तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। आपने कांग्रेस-आप गठबंधन के 8 उम्मीदवारों के वोट अवैध घोषित करने के बाद उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया।" 

बैठक स्थगित, पीठासीन अधिकारी को 19 तक का समय
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ AAP पार्षद कुलदीप कुमार (हारे हुए मेयर उम्मीदवार) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा तत्काल चुनाव पर रोक लगाने से इनकार करने को चुनौती दी गई। कुलदीप कुमार की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि 7 फरवरी को होने वाली चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक स्थगित कर दी जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव का पूरा रिकॉर्ड जब्त कर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए और मतपत्र और वीडियोग्राफी को चंडीगढ़ यूटी के उपायुक्त के पास सुरक्षित रखा जाए, जिनके पास वर्तमान में रिकॉर्ड हैं। उन्हें आज (सोमवार) शाम 5 बजे तक एचसी रजिस्ट्रार जनरल को सौंप देना चाहिए। न्यायालय ने पीठासीन अधिकारी को अपने आचरण पर स्पष्टीकरण देने के लिए 19 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़ा झटका देने वाला माना जा रहा है।

दिन वही पर फैसला अलग
सोमवार को ही भारतीय जनता पार्टी को एक बड़े घटनाक्रम में मुंह की खानी पड़ गई। भाजपा को यह बड़ा झटका झारखंड विधानसभा से मिला है। जहां चंपई सोरेन सरकार ने 29 के मुकाबले 47 विधायकों के सपोर्ट से अपना बहुमत सिद्ध कर फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। बता दें कि 81 सीटों वाले झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 विधायकों का है। सोमवार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही सीएम चंपई सोरेन ने बता दिया था कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है। उन्होंने दावा किया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 50 तक भी पहुंच सकता है। जिसमें सीपीआईएमएल के विधायकों ने भी अपना समर्थन दिया है। राज्य विधानसभा में बीजेपी के 26 विधायक हैं और एजेएसयू पार्टी के भी तीन विधायक भी विपक्षी खेमे में शामिल हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी। चंपई सरकार के झारखंड में फ्लोर टेस्ट पास करने को केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी और रणनीतिकार अमित शाह के लिए बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है। 

सीएम चंपई के भाजपा पर गंभीर आरोप
सीएम चंपई सोरेन ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि यह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि फर्जी मामलों में उन्हें अरेस्ट किया गया है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले आरोप लगाया, "हेमंत सोरेन को फंसाने के लिए बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।" जबकि विधानसभा में मौजूद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को उनके खिलाफ मामलों को साबित करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर मामले साबित होते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे। 

तारीखें जिन पर टिकीं सबकी निगाहें
झारखड़ में चंपई सोरेन सरकार के फ्लोर टेस्ट पास करने का बाद अब राज्य के बिग डैडी यानी बिहार पर आकर सबकी निगाहें टिक गई हैं। बिहार में पलटूराम सरकार यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 12 फरवरी को अपना फ्लोर टेस्ट देना है। बिहार में 28 जनवरी को आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस महागठबंधन की सरकार मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के इस्तीफे के बाद गिर गई थी। और, पलटूराम ने एक फिर पलटी मारकर बीजेपी के साथ नई सरकार का गठन कर लिया था। अब बीजेपी, जेडीयू और अन्य को मिलाकर बनी नई सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करना है। दूसरा, चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव मामले में 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी।

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