Bijnor News : लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी मध्य गंगा नहर फेज-2 सिंचाई विभाग के ट्रायल में पास हो गई है। पहली बार पूरी नहर में पानी चल गया है और उसके रजवाहों में भी पानी दिया गया है। नहर से मुरादाबाद, अमरोहा और संभल तीन जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए अब पानी की कोई कमी नहीं होगी। गौरतलब है कि यहां लगातार भूगर्भ जल का स्तर गिर रहा था और अब इस नहर के संचालन से उसके भी ऊपर उठने की संभावना जताई जा रही है।
आठ साल तक अटका रहा नहर का काम
केंद्र सरकार ने साल 2008 में बिजनौर स्थित गंगा बैराज से मध्य गंगा नहर फेज-2 की घोषणा की थी। यह नहर मुरादाबाद, अमरोहा और संभल के 1850 गांवों के किसानों के लिए बननी थी। उस समय नहर बनाने की लागत 1100 करोड़ रुपये आंकी गई थी। नहर के लिए भूमि अधिग्रहीत होते समय वन विभाग और सिंचाई विभाग के अफसरों में एक जमीन को लेकर विवाद हो गया, जिसकी वजह से नहर का निर्माण लगभग आठ सालों तक पूरा नहीं हो सका। साल 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नहर परियोजना की समीक्षा करते हुए इसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे।
लगातार काम अटकने बढ़ी लागत
काम लगातार रुके रहने से इस परियोजना की लागत बढ़कर 4,400 करोड़ और बाद में लगभग पांच हजार करोड़ हो गई। पिछले साल ही नहर लगभग पूरी बनकर तैयार हो चुकी थी और ट्रायल के लिए मुख्य कैनाल से नहर में पानी छोड़ा गया था। लेकिन, पानी पूरी तरह नहर में नहीं लाया जा सका था। उस समय रेलवे के पुल के लिए कार्य किया जा रहा था। रेलवे लाइन पर तीन पुलों के निर्माण में से एक पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। दो पुलों का निर्माण कार्य बाकी था। गजरौला(अमरोहा) में रेलवे पुल निर्माण कार्य जारी है, तीसरा पुल चंदौसी ब्रांच में बनना है।
22 अगस्त को भी हुआ था ट्रायल
इस साल पूरी नहर के ट्रायल के लिए 22 अगस्त को फिर से पानी छोड़ा गया। तब पहाड़ों की बरसात से गंगा का जलस्तर बढ़ने और मिट्टी ज्यादा कटकर आने की वजह से नहर में पानी कई बार बंद किया गया। आखिरकार नहर और बाकी शाखाओं में पानी पहुंच गया है। बहजोई शाखा में छह किलोमीटर और चंदौसी शाखा में 28 किलोमीटर तक पानी गया। अब नहर में पानी छोड़ना बंद कर दिया गया है। आपको बता दें कि चौधरी चरणसिंह मध्य बैराज बिजनौर से मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण का कार्य वर्ष 2007-08 में शुरू हुआ था।
परियोजना से इन गांवों को होगा सीधा लाभ
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद के डींगरपुर, अमरोहा जिले में अमरोहा, जोया, धनौरा, गजरौला, हसनपुर तथा गंगेश्वरी, संभल जनपद के संभल, बनियाखेड़ा, पंवासा, असमौली तथा बहजोई समेत लगभग 1,46,532 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भूमि की सिंचाई होने से 4,10,348 किसान लाभान्वित होंगे। परियोजना में 1,850 गांव शामिल हैं, जिसमें 1,065 किलोमीटर नहर की वितरण प्रणाली में मुरादाबाद जिले की 16,569 हेक्टेयर, अमरोहा में 59,046 हेक्टेयर तथा संभल जिले में 70,917 हेक्टेयर सिंचित भूमि शामिल है।