Uttar Pradesh : पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर सीएम ने श्रद्धा अर्पित की

Tricity Today | सीएम योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धा अर्पित दी



Uttar Pradesh : बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी प्रखर राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, कुशल राजनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननेता और कवि हृदय देश के पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि पर पूरा देश आज उनको नमन कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'भारत रत्न' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि पर लखनऊ के लोक भवन परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक तथा जल शक्ति मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि, लोकप्रिय जन नेता, प्रखर राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणा-पुंज, पूर्व प्रधानमंत्री, 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। आपका शुचितापूर्ण राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन लोकतंत्र हेतु सदैव आदर्श मानक रहेगा। भारतीय जनता पार्टी के पितामह करोड़ों कार्यकर्ताओं के पथ प्रदर्शक व प्रेरणा स्रोत रहे, पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी बाजपेयी राष्ट्रवाद के प्रणेता एवं विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ाने वाले जन नेता थे।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। भारतीय जनता पार्टी को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे। उन्हें हमेशा सभी पार्टियों से भरपूर सम्मान मिला। वर्ष 1996 में पहली बार उनके नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले वह पहले गैर कांग्रेसी व्यक्ति भी थे। प्रधानमंत्री के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में उदारीकरण को बढ़ावा मिला और बुनियादी ढांचे व विकास को गति मिली।

वर्ष 1957 में जीते पहला चुनाव
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अखिल भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 1952 में लोकसभा के पहले आमचुनाव में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और हार गए। इसके बाद दूसरे आमचुनाव 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर लोकसभा सीट से जनसंघ प्रत्याशी के रूप में उन्होंने विजय हासिल की। देश में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में सत्ता में आई जनता पार्टी के मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वे विदेश मंत्री रहे। भारत के पूर्व पीएम वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र महसभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे। बाद में जनता पार्टी से अलग होकर उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। 6 अप्रैल 1980 को अस्तित्व में आई भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने। जिसके बाद वह दो बार राज्यसभा के लिए भी चुने गये।

देश के तीन बार बने प्रधानमंत्री
वर्ष 1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद लोकसभा में बहुमत न होने के कारण महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वर्ष 1998 में वे दोबारा प्रधानमंत्री बने और 13 महीने बाद 1999 में उनके नेतृत्व वाली सरकार एक मत से अविश्वास प्रस्ताव हार गई। मध्यावधि चुनाव हुए उनके नेतृत्व में 1999 में ही कई दलों के गठबंधन वाली एनडीए सरकार बनी और उन्होंने पांच वर्ष का अपना कार्यकाल पूरा किया। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी। 

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