Social Media | आईएएस मेधा रूपम जिले की समस्या देखने ट्रैक्टर से निकली
Uttar Pradesh News : कासगंज जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है। पानी भरने के कारण लोगों का गांवों से निकलना मुश्किल हो गया है। जब इस स्थिति की जानकारी जिलाधिकारी (डीएम) मेधा रूपम को मिली तो उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेने का फैसला किया।
ट्रैक्टर से पहुंचीं गांव गंगागढ़
शुक्रवार को जनसुनवाई के दौरान विकास खंड क्षेत्र के गांव गंगागढ़ के लोगों ने डीएम मेधा रूपम को गांव की दुर्दशा से अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह-जगह जलभराव हो गया है, जिससे उनके लिए गांव से निकलना भी मुश्किल हो गया है। इस पर डीएम ने तुरंत मौके पर जाकर हालात का जायजा लेने का निर्णय लिया।
तत्काल लिया एक्शन
जिलाधिकारी की सरकारी गाड़ी जलभराव के कारण आगे नहीं जा सकी तो उन्होंने ट्रैक्टर का सहारा लिया और गंगागढ़ गांव पहुंचीं। ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्होंने उनकी समस्याएं सुनीं और तत्काल प्रभाव से विकास विभाग और पंचायत राज विभाग को समाधान के निर्देश दिए। डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विद्युत आपूर्ति का भी किया निरीक्षण
गांवों की समस्या का समाधान करने के बाद, डीएम मेधा रूपम ने बिजली आपूर्ति की स्थिति का भी निरीक्षण किया। वह भिटोना उपकेंद्र पहुंचीं और वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्युत आपूर्ति को नियमित और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि बारिश के दौरान कोई अव्यवस्था न हो।
रामपुर में भी बिगड़े हालात
कासगंज विकास खंड क्षेत्र के एक और गांव, रामपुर में भी जलभराव के कारण हालात काफी बिगड़ गए हैं। मुख्य मार्ग पानी से भर चुका है, जिससे गांव का रास्ता तालाब में तब्दील हो गया है। यहां के ग्रामीणों में भी इस स्थिति को लेकर गहरी नाराजगी है। डीएम ने इस गांव की भी समस्याओं का समाधान करने का आदेश दिया है, ताकि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो सकें।
कौन हैं आईएएस मेधा रूपम
कासगंज की डीएम मेधा रूपम उत्तर प्रदेश कैडर के प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी की पुत्री हैं और वर्तमान में उनके पिता भारत निर्वाचन आयोग में आयुक्त हैं। खुद मेधा रूपम भी एक सशक्त प्रशासक के रूप में जानी जाती हैं। इससे पहले वह हापुड़ की जिलाधिकारी और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उनके नेतृत्व और तत्परता ने कासगंज में कई विकास कार्यों को गति दी है।