Tricity Today | बदल रही है ट्रकिंग की दुनिया, अब सड़कों पर दहाड़ते और धुंआ उगलते नहीं मिलेंगे ट्रक
Greater Noida : इंडियन ऑटो एक्सपो बुधवार को विधिवत ढंग से केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुरू कर दिया है। ऑटो एक्सपो में भविष्य के वाहन आए हैं। दो पहिया वाहनों से लेकर भारी भरकम ट्रकों तक में आमूलचूल बदलाव देखा जा सकता है। ट्रकिंग की दुनिया बदल रही है। अब सड़कों पर दहाड़ते और धुंआ उगलते ट्रक देखने के लिए नहीं मिलेंगे। भारतीय वाणिज्यिक वाहन निर्माता टाटा संस और अशोक लीलैंड ने ऑटो एक्सपो 2023 में वैकल्पिक ऊर्जा से चलने वाले ट्रक पेश किए हैं। यहां शोकेस किए गए वाहन इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल से चलेंगे।
डीजल इंजनों का जमाना गया
टाटा मोटर्स ने वैकल्पिक ईंधन सेगमेंट में ट्रकों और बसों की अपनी नई रेंज का अनावरण किया है। टाटा संस की यह कंपनी भारत की शीर्ष वाणिज्यिक वाहन निर्माता है। कंपनी ने मंगलवार को ऐलान किया कि साल 2045 तक वाणिज्यिक वाहनों के व्यवसाय में शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध किया है। मतलब, साल 2045 तक कंपनी डीजल इंजनों का उत्पादन और उपयोग पूरी तरह बंद कर देगी। टाटा मोटर्स तीन बदलावों पर काम कर रही है। इनमें डिजिटल, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला शामिल हैं। ये परिवर्तन केवल टाटा समूह के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
गैस, बैटरी और हाइड्रोजन इंजन आए
कंपनी ने कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में प्राकृतिक गैस, बैटरी इलेक्ट्रिक, फ्यूल-एग्नोस्टिक, हाइड्रोजन सेल इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन सेल आईसीई श्रेणियों में 14 नए वाहनों का प्रदर्शन किया है। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बुधवार को कंपनी के नए पिकअप, इंट्रा वी-2 बाईफ्यूल और योद्धा सीएनजी ट्रक का अनावरण किया। उन्होंने खुलासा किया कि कंपनी भारत का पहला एलएनजी टिपर प्राइमा जी.35-के ला रहा है। वाघ ने कहा कि नया अज्ञेय सिग्ना (28 से 55 टी रेंज) और अज़ुरा (7 से 19 टी रेंज) क्रमशः एम एंड एचसीवी और आई एंड एलसीवी सेगमेंट के लिए नई पीढ़ी के ट्रक हैं।
बैटरी इलेक्ट्रिक सेगमेंट
बैटरी इलेक्ट्रिक सेगमेंट में टाटा कंपनी ने तीन वाहन पेश किए हैं। इंट्रा-सिटी इस्तेमाल के लिए मैजिक ईवी यात्री परिवहन में काम आएगा। वहीं, अल्ट्रा ई-9 इंट्रासिटी उच्च क्षमता वाले शहरी कार्गो परिवहन के लिए है। प्राइमा ई.28-के खनन जैसे बड़े कामों के लिए है। हाइड्रोजन सेगमेंट में स्टारबस फ्यूल सेल ईवी और हाइड्रोजन फ्यूल सेल-संचालित ट्रैक्टर पेश किया है। कंपनी पहला हाइड्रोजन-आईसीई संचालित ट्रक एच.55-एस लेकर आई है।
ईवी और एचवी का है आने वाला वक्त
टाटा मोटर्स के सामने अशोक लेलैंड भी कड़ी चुनौती लेकर आई है। कंपनी के नए वाहन बैटरी इलेक्ट्रिक, ईंधन सेल इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (आईसीई), तरलीकृत प्राकृतिक गैस, इंटरसिटी सीएनजी बस और मिनी यात्री बस हैं। अशोक लेलैंड के कार्यकारी अध्यक्ष धीरज हिंदुजा ने कहा, "हमारे नए स्वच्छ ऊर्जा वाहनों की रेंज में ट्रक और बस दोनों हैं। अब ट्रकिंग का जमाना बदलने वाला है। बहुत जल्दी सड़कों से डीजल इंजन गायब हो जाएंगे।" उन्होंने आगे कहा, "ऑटोमोटिव क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में तकनीकी उन्नयन की एक लहर आई है। हरित ईंधन इस उद्योग का भविष्य है। हम देश में सबसे अच्छी आर एंड डी टीमों में से एक होने के नाते नई तकनीक लेकर आना हमारा फर्ज है। हम टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता में अग्रणी बनेंगे। हमारा उद्देश्य भारत को वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों में आत्मनिर्भर बनाना है।"
हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक बैटरी से चलेंगे ट्रक
अशोक लेलैंड इलेक्ट्रिक बैटरी और लिथियम-आयन बैटरी पर चलने वाले ट्रक लेकर आई है, जो बाहर से चार्ज किए जाते हैं। ये ट्रक इलेक्ट्रिक ईंधन सेल हाइड्रोजन से चलेंगे। ईंधन सेल में वायुमंडलीय ऑक्सीजन और हाइड्रोजन बिजली पैदा करते हैं। बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन को चलाने वाली मोटर को शक्ति देती हैं। अधिकतम सुरक्षा के लिए इसमें लीक डिटेक्शन सिस्टम है। एक अन्य ट्रक HICEV हाइड्रोजन से चलता है। यह वाहन और सड़क सुरक्षा के लिए उन्नत चालक सहायक प्रणाली (एडीएएस) से लैस है।
इंटरसिटी सीएनजी बस 1000 किमी चलेगी
एलएनजी ट्रक एलएनजी और सीएनजी पर चलता है। लंबी दूरी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एलएनजी को आमतौर पर भारी शुल्क वाले वाहनों में प्राथमिकता दी जाती है। FCEV, H2-ICE, और LNG AVTR मॉड्यूलर ट्रक कंपनी के मौजूदा डीजल वाहनों के सब-एग्रीगेट हैं। 13.5 मीटर इंटरसिटी सीएनजी बस की क्षमता 1,500 लीटर (255 किलोग्राम) सीएनजी ईंधन है और 1000 किमी की रेंज देती है। इसमें 11 क्यूबिक मीटर सामान रखने की जगह और 36 बर्थ होंगी।