रेलवे बोर्ड का फर्जी सदस्य चालक सहित गिरफ्तार, एसटीएफ ने की कार्रवाई

गाजियाबाद के वैशाली में रहता है शातिर : रेलवे बोर्ड का फर्जी सदस्य चालक सहित गिरफ्तार, एसटीएफ ने की कार्रवाई

रेलवे बोर्ड का फर्जी सदस्य चालक सहित गिरफ्तार, एसटीएफ ने की कार्रवाई

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Ayodhya News : रेलवे बोर्ड का फर्जी सदस्य बनकर करोड़ों की ठगी करने वाले को एसटीएफ ने सर्किट हाउस के पास से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ठग अनूप चौधरी सोहावल के पिलखावा गांव का मूल निवासी है। वर्तमान में वह गाजियाबाद के वैशाली अपार्टमेंट फ्लैट नं 102, सेक्टर-5 में रहता है, जबकि उसका चालक उत्तराखंड के उधमसिंह नगर काशीपुर का रहने वाला है। अपना प्रभाव दिखाकर अनूप और उसका चालक सर्किट हाउस में रुके थे। एसटीएफ ने कैंट थाने में दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। अनूप पर उत्तराखंड पुलिस ने 15 हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित कर रखा है। मंगलवार 23 अक्टूबर की देर रात दोनों को गिरफ्तार किया गया है। अनूप ने फर्जी तरीके से गाजियाबाद पुलिस से एक गनर भी प्राप्त किया था। 

क्या है पूरा मामला
पूछताछ में अनूप ने बताया कि वह क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति का सदस्य है। गाड़ी में मौजूद श्रीनिवास नराला को उसने अपना निजी ओएसडी तथा एक अन्य सत्येंद्र वर्मा को व्यापारी बताया। बयान का सत्यापन करने के बाद पुलिस ने गनर, व्यापारी और निजी ओएसडी को छोड़ दिया, जबकि अनूप और उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पास से पांच मोबाइल, तीन आधार कार्ड, चेकबुक, 2200 रुपये नगद बरामद हुए हैं। सत्येंद्र इन्द्रप्रस्थ नगर महानगर लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होनें बताया कि अनूप चौधरी से मेरी मुलाकात एयरपोर्ट पर आते-जाते प्रतीक्षालाय में हुई थी। अनूप चौधरी ने मुझसे विभिन्न तीर्थस्थलों के हेलीकाप्टर से दर्शन कराने के लिए कंपनी बनाने के लिए विचार-विमर्श किया और मदद करने का निवेदन किया है। अनूप ने अयोध्या दर्शन कराने के लिए कहा था, इसलिए उनके साथ आया हूं। 

सुरक्षा के लिए डीएम को लिखा पत्र
अयोध्या भ्रमण के दौरान सुरक्षा के लिए अपने निजी ओएसडी के जरिये अनूप ने डीएम को पत्र लिखा था। पत्र की पड़ताल में पाया गया कि वह इसका पात्र नहीं है। उसने कई अन्य प्रांतों में भी इसी प्रकार फर्जी तरीके से प्रोटोकाल प्राप्त करने की बात पुलिस को बताई है। अनूप ने बताया कि प्रवास के दौरान आम जनता के व्यक्ति सरकार से अपना कार्य कराने के सिलसिले में उससे मिलते हैं, तब प्रोटोकाल का रूतबा दिखाकर अपने प्रभाव में लेता है। काम कराने का प्रलोभन देकर एडवांस में रुपये भी ले लेता है। अनूप ने कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी भी खोली है, जिसमें लोगों का रुपया लगाकर हड़पा गया है। अमरोहा, हरदोई, नैनीताल, बरेली में भी उस पर मुकदमे दर्ज हैं।

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