इस बार परेड में दिखाई देगी अयोध्या की छटा, तैयारियां पूरी, जानें और क्या प्रदर्शित किया जाएगा

गणतंत्र दिवसः इस बार परेड में दिखाई देगी अयोध्या की छटा, तैयारियां पूरी, जानें और क्या प्रदर्शित किया जाएगा

इस बार परेड में दिखाई देगी अयोध्या की छटा, तैयारियां पूरी, जानें और क्या प्रदर्शित किया जाएगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार राजपथ पर होने वाली परेड में उत्तर प्रदेश की तरफ से अयोध्या पर झांकी प्रस्तुत की जाएगी। इसमें प्रस्तावित श्री राम मंदिर की झलक दिखाई देगी। झांकी के अलग-अलग हिस्सों में अयोध्या और रामायण से जुड़े चित्रों को सजाया जाएगा। साथ ही अयोध्या के भव्य दीपोत्सव को भी झांकी में शामिल किया गया है। वर्ष 2017 से अयोध्या के भव्य दीपोत्सव को लगातार तीन बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है।

उत्तर प्रदेश की इस झांकी के पहले हिस्से में महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करते हुये दिखाया गया है। झांकी के मध्य भाग में जनभावनाओं और भक्ति से जुड़े अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक  श्रीराम मन्दिर की छटा दिखाई देगी। मन्दिर की यह छटा बरबस ही भक्ति और श्रद्धा का भाव जगाती है। इस झांकी में भगवान राम का निषादराज को गले  लगाना, शबरी के बेर खाना, अहिल्या उद्धार, केवट संवाद, पवनपुत्र हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाना, जटायू राम संवाद और अशोक वाटिका जैसे दृश्य शामिल हैं। 

झांकी में अयोध्या के दीपोत्सव को भी जगह दी गई है। इस उत्सव में लाखों दीप जलाये जाते हैं। वर्ष 2०17 से लगातार भव्य दीपोत्सव के आयोजन का 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' में लगातार तीन बार रिकार्ड दर्ज कराया है। झांकी के दोनों तरफ साध्वी और संतों को दिखाया है। इससे प्रभु राम के प्रति भक्ति भावना और अनन्य प्रेम दिखाई देता है। अयोध्या की स्थापना राजा ब्रह्मा के पुत्र मनु के पुत्र इक्ष्वाकु ने की थी। 

अयोध्या, उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी कहलाती है। इसे अष्टचक्र नवद्वार से युक्त अयोध्या कहा गया है। अथर्ववेद में इसका वर्णन किया गया है। वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्रीराम का जन्म स्थान अयोध्या लिखा है। श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या समूचे संसार में सनातन संस्कृति का प्रतीक स्थल है। गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित होने वाली झांकियों का गुरुवार को पुनरावलोकन किया गया था।

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