Ayodhya News : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा 51 इंच ऊंची होगी। इसमें प्रभु के बालरूप के दर्शन होंगे। प्रतिमा खड़े बालक के रूप में गर्भगृह में बने चबूतरे के ऊपर कमल पर स्थापित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से समय लेकर मकर संक्रांति से 26 जनवरी के बीच का दिन निश्चित किया जाएगा।
25 हजार लोग एक साथ कर सकेंगे दर्शन
चंपत राय ने कहा कि भगवान राम सूर्यवंशी थे, इसलिए प्रधानमंत्री की इच्छा है कि उनके ललाट पर पहला आशीर्वाद भगवान सूर्य का पड़े। इसे देखते हुए रामलला की प्रतिमा की ऊंचाई आदि तय करने में खगोल वैज्ञानिकों की भी राय ली जा रही है। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था, बाढ़ और भूकंप से बचाव आदि का ध्यान रखते हुए देश के सभी आईआईटी के अलावा बड़े अभियंताओं और विज्ञानियों की भी सलाह ली जा रही है। मंदिर में लोहा, स्टील या कंक्रीट का प्रयोग नहीं किया गया है। रामलला का दर्शन एक साथ 25 हजार लोग कर सकेंगे।
रामलला संग होंगे ये देव विग्रह
गर्भगृह में रामलला के बालरूप विग्रह के अलावा चारों कोनों पर भगवान सूर्य, भगवान शंकर, मां भगवती और गणपति विराजमान होंगे। मंदिर में ही हनुमानजी और मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी होगा। पास में भगवान की रसोई में प्रसाद बनेगा। मंदिर में प्रवेश पूरब और निकास दक्षिण दिशा से होगा। महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, गुरु विश्वामित्र, भारद्वाज ऋषि, निषादराज, माता शबरी, माता अहिल्या और जटायु की सुंदर प्रतिमा के भी दर्शन होंगे।