गाजियाबाद में बच्चे की मौत के बाद पूरे यूपी में अलर्ट हुआ प्रशासन, बागपत डीएम ने स्कूल बसों के खिलाफ छेड़ा अभियान

बड़ी खबर : गाजियाबाद में बच्चे की मौत के बाद पूरे यूपी में अलर्ट हुआ प्रशासन, बागपत डीएम ने स्कूल बसों के खिलाफ छेड़ा अभियान

गाजियाबाद में बच्चे की मौत के बाद पूरे यूपी में अलर्ट हुआ प्रशासन, बागपत डीएम ने स्कूल बसों के खिलाफ छेड़ा अभियान

Tricity Today | अभियान की शुरुआत

Baghpat News : सड़क सुरक्षा सप्ताह के छठे दिन स्कूल बसों की फिटनेस के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें 8 बसों का चालान किया गया और 3 बसों को सीज किया गया हैं। प्रशासन के तरफ से स्कूल प्रबंधन को विशेष आदेश दिए गए कि वाहन में खिड़कियों को पूरी तरह बंद रखा जाए। कार्यालय स्तर से वाहनों के रजिस्ट्रेशन निलंबन की चेतावनी वाले पत्र भी जारी किए गए। इसके साथ ही प्रदूषण केंद्रों की गहन जांच की गई 8 प्रदूषण परीक्षण केंद्र की जांच की गई। बता दें हाल में ही गाजियाबाद में बस की खिड़की से बाहर झांकने के दौरान बच्चे की मृत्यु हो गई थी।

40 किलोमीटर प्रति घंटा
बस वाहन चालकों को विशेष निर्देश दिए गए कि बस के संचालन के दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक वाहन को ना चलाया जाए। साथ ही बसों में 40 किलोमीटर प्रति घंटा के गति नियंत्रण उपकरण लगाने का भी आदेश दिया गया। नियमों का पालन ना करने वाले वाहन चालकों और वाहन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

स्कूल प्रबंधन का नंबर लिखा होना अनिवार्य
आरटीओ सुभाष राजपूत ने कहा कि ज्यादातर स्कूल बसें केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार निर्मित है और ऐसे वाहनों में परिवर्तन की ज्यादा गुंजाइश नहीं रहती। किंतु स्कूल प्रबंधन से इस बात के अनुदेश दिए गए कि अगर वाहन में खिड़कियों में इतनी जगह बची हो कि कोई बच्चा अपने सर या अंग बाहर निकाल सके तो कुछ अतिरिक्त सुरक्षा पाइप खिड़कियों के बाहर लगवा दी जाए। सभी स्कूल बसों पर प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन का नंबर लिखा होना अनिवार्य रूप से लागू किया गया है।

5 वर्ष का हो अनुभव
अधिकारी ने बताया कि सामान्य जन को भी इस बात के लिए जागृत किया गया की किन्ही परिस्थितियों में अगर स्कूल बस खतरनाक तरीके से चलाई जा रही है तो बस के पीछे लिखे नंबरों पर स्कूल प्रबंधन को सूचित किया जाना चाहिए। स्कूल चालकों का बस चलाने का अनुभव कम से कम 5 वर्ष का होना चाहिए और उनके चरित्र प्रमाण पत्र जिलाधिकारी कार्यालय से बने हुए होने चाहिए। स्कूलों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि शीघ्र ही सभी ड्राइवर का जिलाधिकारी कार्यालय से चरित्र प्रमाण पत्र बनाकर परिवहन कार्यालय में जमा करा दिया जाएगा।
      
चार बुलेट के बदले साइलेंसर तो 82,000 जुर्माना
ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और वायु प्रदूषण रोकने के उपायों के लिए वाहनों की चेकिंग की गई । 2 एनफील्ड बुलेट सीज की गई और 4 का चालान किया गया। इन 4 बुलेट पर कुल 82 हजार जुर्माना हुआ हैं। दरअसल बता दें, मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने पर 15 हजार का कम से कम चालान किया जाता है। ऐसे में एनफील्ड बुलेट के आवाज करने वाले साइलेंसर के विरुद्ध पुलिस और परिवहन विभाग निरन्तर अभियान चलाता रहा है। चालकों को इस बात की सद्भावना पूर्ण जानकारी दी गई कि ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले साइलेंसर का प्रयोग करना ना सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा को भी गिराता है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.