Baghpat News : सरकारी व्यवस्था में जिंदे लोगों को मरा दिखाने वाली कहानी पर तमाम फ़िल्में बॉलीवुड में बानी हैं। मशहूर अभिनेता पंकज कपूर ने 'चला मुसद्दी ऑफिस-ऑफिस' जैसी फ़िल्म बनाई है। जिसमें एक जीवित इंसान को सरकारी कर्मचारी मृत घोषित कर देते हैं और फिर उसे खुद को जिंदा साबित करने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। आजकल बागपत में एक बुजुर्ग ग्रामीण महिला इसी तरह पापड़ बेल रही हैं। दरअसल, उन्हें मृत घोषित करके सरकारी कर्मचारियों ने पेंशन बंद कर दी है।
क्या है मामला
ब्राह्मण पुट्ठी गांव की रहने वाली बुजुर्ग महिला को मृत दर्शाकर पेंशन बंद कर दी गई। सोमवार को बुजुर्ग महिला ने अधिकारियों से मिलकर कहा कि वह जिंदा है और उसकी पेंशन जारी करवा दो। ब्राह्मण पुट्ठी की रहने वाली बुजुर्ग महेंद्री पत्नी राम भजन ने डीएम को शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रही हैं। अब करीब एक साल पहले ग्राम पंचायत सचिव ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। उनकी पेंशन बंद करवा दी है। जब एक साल तक बैंक खाते में पैसा नहीं आया तो पता करने महकमे में गईं। वहां बताया गया कि उनकी मौत हो चुकी है।
ग्राम सचिव ने सुनवाई नहीं की
महेंद्री का कहना है, "मुझे मरा घोषित कर दिया गया है। मैं यह शिकायत लेकर पहले ग्राम प्रधान और फिर पंचायत सचिव के पास गई। सचिव ने मेरी कोई बात नहीं सुनी। इससे आगे की जानकारी नहीं होने पर पिछले एक साल से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही हूं। कुछ दिन पहले समाज कल्याण विभाग में तैनात कर्मचारियों ने सचिव की रिपोर्ट के आधार पर मेरी मौत होना दर्शाकर पेंशन बंद कर दी है। मेरे पास आय कोई दूसरा साधन नहीं है। मामूली पेंशन मिल रही थी। उससे जीवन यापन करने में मदद मिल रही थी। अब यह सहारा भी खत्म हो गया है।"
डीएम से मिलकर कहा- साहब मैं जिंदा हूं
बुजुर्ग महिला महेंद्री ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी राजकमल यादव से मुलाकत की। उनसे कहा, "बेटा मैं जिंदा हूं, मेरी पिछले एक साल से पेंशन नहीं आ रही है। मुझे आपके सरकारी कर्मचारियों ने मरा लिखकर पेंशन बंद कर दी है।" बुजुर्ग महिला ने जल्द पेंशन दिलाने की मांग की। डीएम ने मामले कार्यवाही करने का आदेश दिया है।